महज चार दिन की बारिश ने पटना को नरक बना दिया
फोटो -1415 -अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में थोड़ी सी भी नैतिकता होती तो इस्तीफा दे देते डॉ. अखिलेश -श्रीकृष्ण सिंह के कार्यकाल में बिहार को आगे बढ़ने का मिला बेहतरीन मौका -ऐतिहासिक होगा डॉ. कृष्ण सिंह जयंती समारोह लोगों से हिस्सा लेने की अपील ---------- जागरण संवाददाता गया
गया । पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि महज चार दिन की बारिश में पटना नरक बनकर रह गया। अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में थोड़ी सी भी नैतिकता होती तो वह इस्तीफा दे देते। पटना स्मार्ट सिटी बनने वाला था, लेकिन हल्की बारिश ने ही स्थिति बद से बदतर कर दी। राजगीर नई पोखर कांड, जहानाबाद में अशांति, गया में युवा कांग्रेस और वार्ड पार्षद के परिवार को गोली मारने की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. अखिलेश प्रसाद रविवार को राजेंद्र आश्रम में कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी 21 अक्टूबर को पटना के मिलर हाईस्कूल में बिहार केसरी डॉ. कृष्ण सिंह का जयंती समारोह मनाया जाएगा। इसकी सफलता के लिए मैं लगातार दो दिनों से जिलों का भ्रमण कर रहा हूं। पिछले 19 वर्षो से लगातार राज्य के पहले और देश के सबसे सफल मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जयंती समारोह मनाकर उन्हें भारत रत्न की उपाधि देने के लिए केंद्र सरकार से पुरजोर वकालत कर रहा हूं। समारोह में भारी से भारी संख्या में लोगों से हिस्सा लेने की अपील की।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धर्मवीर शुक्ला ने कहा कि गया आने पर दो चीजें मेरे लिए काफी अहम है। एक विष्णुपद मंदिर और दूसरा तिलकुट।
कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष लाक्षो देवी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह को माला पहनाकर स्वागत किया। जयंती समारोह में गया से ज्यादा से ज्यादा संख्या में महिलाएं भी शिरकत करेंगी।
जिला कांग्रेस कमिटी के जिलाध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद यादव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विधायक जनार्दन शर्मा, जहानाबाद के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष अजय सिंह टुन्नू, प्रदेश प्रवक्ता धर्मवीर शुक्ला पूर्व विधायक जीएस रामचंद्र दास, मो. अली, रामस्वरूप पासवान, डॉ. गगन मिश्रा, सुमंत कुमार, प्रो. विजय कुमार मिठ्ठू, युगल किशोर सिंह, रजनीश कुमार, चिरागुद्दीन रहमानी, अशोक सिंह, प्रदीप शर्मा, ओंकार नाथ सिंह सहित काफी संख्या में नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।