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कोरोना की चपेट में आने से बचना बहुत जरूरी, होने पर घबराएं नहीं, एहतियात बरतें और बनें कोरोना विजेता

कोरोना संक्रमित व्यक्ति किसी हाल में मन को कमजोर नहीं होने दें। खुश रहें और एहतियातों का पालन करें। ऐसे मरीजों के हवादार कमरा और अलग शौचालय जरूरी है। घर में वृद्ध गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्ति गर्भवती महिलाओं का खास ख्याल रखना जरूरी।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 08:29 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 08:29 AM (IST)
कोरोना की चपेट में आने से बचना बहुत जरूरी, होने पर घबराएं नहीं, एहतियात बरतें और बनें कोरोना विजेता
कोरोना संक्रमित होने पर हो जाएं आइसोलेट। प्रतीकात्‍मक फोटो

गया, जागरण संवाददाता।  कोरोना संक्रमण के कारण जिले में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आंकड़ा दो हजार को पार कर गया है। ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल, हाथों को नियमित साबुन पानी से धोने और भीड़भाड़ से दूर रहने की जरूरत है। संक्रमण की रोकथाम के लिए संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है। उन्हें व उनके घर के लोगों से घर में ही रहने की अपील की गई है। गया के चिकित्‍सक कहते हैं कि लोगों के लिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है ताकि वे कोरोना की चपेट में आने से बचे रह सकें।

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होम आइसोलेशन में भी करें नियमों का पालन

स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित या उनके परिवार के लोगों के लिए होम आइसोलेशन के कुछ नियमों को जानना बहुत जरूरी हैं। होम आइसोलेशन का सबसे बड़ा कारण यह है कि संक्रमितों में से 20 प्रतिशत को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। 80 फीसदी लोग घर पर सदस्यों से अलग रहकर और दिशा निर्देशों का पालन कर स्वस्थ हो सकते हैं। मरीज के घर पर बाकी सदस्यों से अलग रहकर इलाज होम आइसोलेशन कहलाता है। संक्रमित व्यक्ति के लिए हवादार कमरा और अलग शौचालय जरूरी बताया गया है।

संक्रमितों के लिए अलग शौचालय बहुत जरूरी

होम आइसोलेशन  के लिए कुछ बुनियादी एवं जरुरी  सुविधाएं होना जरुरी बताया गया है। घर में कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग हवादार कमरा और अलग शौचालय ,घर में कोविड 19 संक्रमित व्यक्ति की 24 घंटे देखभाल करने के लिए व्यक्ति की उपलब्धता जरूरी है। कोविड -19 संक्रमित व्यक्ति में कोई गंभीर लक्षण का न होना शामिल है। यदि मरीज होम आइसोलेशन के योग्य नहीं पाये जाते हैं तो अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है। 

होम आइसोलेशन में मरीज इन बातों का रखें ध्यान: 

घर के अन्य सदस्यों से दूरी रखें।  अलग हवादार कमरे में रहें। जहां तक संभव हो खिड़कियां खुली रखें। घरवालों से अलग शौचालय व बाथरूम का इस्तेमाल करें। हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क पहन कर रहें। मास्क को 6 से 8 घंटे बाद बदलें। इसे पेपर बैग में डालकर तीन दिन के बाद सामान्य कचरा के डब्बे में डाल दें। साबुन व पानी से हाथों को 40 सेकेंड तक अच्छी तरह धोयें। 70 प्रतिशत अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें। खांसते या छींकते समय रूमाल का इस्तेमाल करें। ज्यादा छूई जाने वाली सतहों को छूने व उपकरणों का इस्तेमाल करने से बचें। मोबाइल व दैनिक उपयोग की अन्य चीजों को एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल से सैनिटाइज करें। अपने बर्तन, तौलिया, चादर आदि को अलग रखें।  दूसरों को काम न लेने दें। यदि आपके शौचालय में ढक्क्नदार पॉट है तो हमेशा फ्लश करने से पहले ढक्कन को बंद करें।

आइसोलेशन के दौरान पालतु जानवरों से भी रहें दूर

आइसोलेशन के दौरान शराब, धूम्रपान व अन्य किसी नशीली चीज का सेवन बिल्कुल न करें। पालतू जानवरों से दूर रहें। डॉक्टरों द्वारा दी गयी सलाह का पालन करें व नियमित दवाईयां लें। घर में वृद्ध लोगों, गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों का ख्याल  रखें। संक्रमित अपने कमरे में ही रहें। अन्य हिस्सों में व्यर्थ टहलने से बचें।


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