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एमयू में इंकलाबी छात्र संगठन ने शुरू किया अनिश्चित कालीन धरना

गया। इंकलाबी छात्र के बैनर तले मगध विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार बदहाली व प्रशासनिक अराजकता के खिलाफ मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया। प्रशासनिक भवन धरना स्थल पर पहुंचने से पहले काफी संख्या में छात्र विश्वविद्यालय के गेट पर इकट्ठा हुए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 10:39 PM (IST)
एमयू में इंकलाबी छात्र संगठन ने शुरू किया अनिश्चित कालीन धरना
एमयू में इंकलाबी छात्र संगठन ने शुरू किया अनिश्चित कालीन धरना

गया। इंकलाबी छात्र के बैनर तले मगध विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, बदहाली व प्रशासनिक अराजकता के खिलाफ मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया। प्रशासनिक भवन धरना स्थल पर पहुंचने से पहले काफी संख्या में छात्र विश्वविद्यालय के गेट पर इकट्ठा हुए। इंकलाबी छात्र के संयोजक दीपक कुमार दांगी के नेतृत्व में परीक्षा की तिथि घोषित करो, परीक्षाफल का प्रकाशन करो जैसे नारों के साथ सभी प्रशासनिक भवन के पास पहुंचे। जहां एक सभा हुई।

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पूर्व विधायक एवं स्वराज पार्टी के अध्यक्ष सोमप्रकाश सिंह ने कहा कि सरकार की नीति जो चल रही है वो मध्यम एवं निर्धन वर्गों के छात्रों को शिक्षा से वंचित रखने की साजिश चल रही है। सरकार की मंशा है कि विश्वविद्यालय को निजीकरण की ओर ढकेल दिया जाए। उसी कड़ी में मगध विश्वविद्यालय की अनियमितता, भ्रष्टाचार के खेल में सरकार आंखें मूंद रही है। बिहार और केंद्र सरकार मगध की विरासत को बर्बाद करने पर उतारू है। मगध विश्वविद्यालय के भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ अगर कोई छात्र, छात्र नेता, छात्र संगठन अगर आवाज उठा रहे है तो विश्वविद्यालय प्रशासन उस छात्र के खिलाफ नोटिस जारी किया जाता है जो काफी ही निदनीय है।

आइसा के छात्र नेता कुणाल किशोर ने सभा के संबोधन करते हुए कहा कि जो विश्वविद्यालय की परंपरा और छात्र आंदोलन का इतिहास रहा है काफी उर्वर और उन्नत रही है। हमें इतिहास से सीखने की जरूरत है। जब सरकार नौकरी की रिक्त पदों की बहाली निकालती है तब मगध विश्वविद्यालय के छात्रों के हाथों में समय पर रिजल्ट न होने से उन्हें बहाली से वंचित कर दिया जाता है। कही न कहीं उनके करियर से विश्वविद्यालय प्रशासन खिलवाड़ कर रही है। क्या हम सभी छात्रों को यह मान लेना चाहिए कि ज्ञान की भूमि बोधगया में स्थित मगध विश्वविद्यालय की पहचान कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार के रूप में है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सभा को शंभूनाथ यादव, अशोक कुमार यादव,राकेश कुमार, अजित कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, नवनीत कुमार ने भी संबोधित किया।


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