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Goat Rearing :बकरी पालन कर बढाइए अपनी आमदनी, सरकार भी देती है कई तरह की सहायता

समेकित बकरी पालन के प्रति किसानों की रुचि बढ़ी है। वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में योजना के तहत नवादा जिले में दो लोगों को जोड़ने का लक्ष्‍य है। इसके लिए 15 वैध आवेदनों के आलाेक में जांच की जाएगी। इसके बाद लाभार्थी का चयन किया जाएगा।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 01:12 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 01:12 PM (IST)
Goat Rearing :बकरी पालन कर बढाइए अपनी आमदनी, सरकार भी देती है कई तरह की सहायता
समेकित बकरी पालन के तहत दो किसानों का होगा चयन। प्रतीकात्‍मक फोटो

जासं,नवादा। बकरी पालन (Goat Rearing) से कम लागत में अच्‍छी आमदनी हो सकती है। इसके लिए सरकार लोन और अनुदान भी देती है। सरकार इसके लिए समेकित बकरी (Integrated Goat rearing) पालन योजना चला रही है। पशुपालन विभाग की इस योजना के तहत बकरी फार्म का संचालन होना है। पिछले साल 2019-20 में 12 पशुपालकों को योजना से जोड़ा गया था। लेकिन वर्ष 2020-21 में विभाग की ओर से दो पशुपालकों को जोड़ने का लक्ष्य है। इसमें 40 बकरी व 2 बकरा व 20 बकरी व 1 बकरा पालन के लिए एक-एक पशुपालक काे जोड़ा जाना है। योजना के तहत 20 बकरी व 1 बकरा पालन के लिए 1 लाख एवं 40 बकरी व 2 बकरा पालन के लिए 2 लाख लोन देने का प्रावधान है।  इसके लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की प्रक्रिया 13 दिसंबर को समाप्‍त हो चुकी है। जिलेभर से कुल 41 पशुपालकों ने ऑनलाइन आवेदन जमा किया है।

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स्क्रीनिंग में केवल 15 आवेदन वैध

जिला पशुपालन विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार समेकित बकरी पालन योजना के लिए जमा किए गए सभी आवेदन की स्क्रीनिंग हो चुकी है। इनमें 26 आवेदन त्रुटिपूर्ण मिले महज 15 आवेदन ही वैध पाया गया है। विभाग की ओर से वैध आवेदकों का स्थल का निरीक्षण होना है। विभाग की ओर से इस योजना के तहत दो सीटों पर 10 जनवरी तक चयन करने की तिथि निर्धारित की गई है।

सहायक कुक्‍कुट पदाधिकारी डॉ. श्रीनिवास कुमार शर्मा ने बताया कि दो सीटों के लिए जिले के 41 लोगों ने आवेदन किया था। उसमें से 15 आवेदन ही सही पाए गए हैं। अब स्‍थल निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद 1ृ जनवरी तक उनमें से दो आवेदकों का अंतिम चयन किया जाएगा। गौरतलब है कि समेकित बकरी पालन कृषि के साथ किया जा सकता है। सामान्‍य तौर पर इससे सालाना एक से डेढ़ लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है। हालांकि प्रशिक्षण मिलने के बाद इस दिशा में पशुपालक बेहतर कर सकते हैं।


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