Kaimur Health News: इस सीएचसी में लेडी डॉक्टर नहीं, एएएनम के सहारे कराई जाती है डिलीवरी
कैमूर जिले के भगवानपुर सीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को इलाज कराने में परेशानी होती है। खासकर प्रसव एएनएम कराती हैं। ऐसे में स्थिति बिगड़ने पर कई बार मरीजों की जान पर बन आती है।
संसू, भगवानपुर (भभुआ)। कैमूर जिले के भगवानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) में एएनएम के सहारे महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। ऐसे में कब किसकी जान पर बन आए, कहा नहीं जा सकता। लोगों का कहना है कि यहां एक भी एमबीबीएस महिला चिकित्सक (Gynecologist) नहीं है।
बताया जाता है कि भगवानपुर स्वास्थ्य केंद्र में कुल सात चिकित्सक कार्यरत हैं। इनमें दो एमबीबीएस, एक दंत व चार आयुष चिकित्सक हैं। लेकिन एक भी महिला एमबीबीएस चिकित्सक नहीं है। इसके चलते महिलाओं के इलाज व प्रसव में समस्या लाजिमी है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को प्रसव में होती है। कई बार स्थिति बिगड़ने पर एएनएम प्रसव पीड़ित महिलाओं को सदर अस्पताल के लिए रेफर करते हैं। इस दौरान कई की जान पर बन आती है।
पुरुष डॉक्टर को पीड़ा नहीं बता पातीं महिलाएं
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं किए जाने से काफी समस्या है। पुरुष चिकित्सक ही महिलाओं के रोगों का इलाज करते हैं। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं शर्म व झिझक के कारण उन्हें अपने रोग नहीं बता पातीं। इस कारण समय पर उनका उपचार भी नहीं हो पाता।
रेफर किए जाने पर निजी नर्सिंग होम ले जाते हैं दलाल
बताया जाता है कि गंभीर स्थिति होने पर जिस प्रसव पीड़ित महिला को सदर अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है, उन्हें रास्ते से ही निजी अस्पताल पहुंचा दिया जाता है। ऐसा काम उस नर्सिंग होम के दलाल के साथ ही स्वास्थ्य सेवा में शामिल कतिपय महिला कर्मी करती हैं। ऐसे में मरीजों का जमकर आर्थिक शोषण भी होता है। इस तरह की शिकायतें कई बार मिली है। इस पर स्वास्थ्य महकमे ने कड़ा रुख भी अख्तियार किया है। लेकिन इस चेन को तोड़ना आसान नहीं।
जिला को तो पता ही है यहां की समस्या-प्रभारी
चिकित्सा पदाधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि महिला चिकित्सक नहीं होने के चलते एएनएम के सहारे प्रसव का काम लिया जाता है। महिला चिकित्सक नही होने की जानकारी जिला स्तरीय पदाधिकारी को है। बता दें कि बीते दिनों जिले में कुछ चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति हुई। लेकिन महिला चिकित्सकों की नियुक्ति बहुत कम हुई। जो जिला अस्पताल में ही कम है। इसके चलते प्रखंडों के अस्पताल में महिला चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकी।