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Sasaram: बच्‍चों की सेहत का रखें पूरा ख्‍याल, पतला दस्त हो तो डायरिया मान दें ओआरएस का घोल

दस्त प्रबंधन में ओआरएस व जिंक की गोली का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ओआरएस शरीर में होने वाले निर्जलीकरण से बचाव करती है तथा शरीर में जल की कमी नहीं होने देती है। वहीं ङ्क्षजक की 14 गोली खाने से शरीर में क्षीण हुई शक्ति की भरपाई होती है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 12:49 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 12:49 PM (IST)
Sasaram: बच्‍चों की सेहत का रखें पूरा ख्‍याल, पतला दस्त हो तो डायरिया मान दें ओआरएस का घोल
दस्त नियंत्रण पखवारा कार्यक्रम का उदघाटन करते सीएस व अन्य। जागरण।

जागरण संवाददाता, सासाराम। रोहतास जिले में गुरुवार से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुरू हुआ। सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डा. सुधीर कुमार व अन्य चिकित्सा अधिकारियों ने संयुक्त रूप से फीता काट कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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सिविल सर्जन ने कहा कि अगर बच्चा को तीन या उससे अधिक पतला तथा चिपचिपा दस्त हो तो डायरिया मान माता-पिता को उसे तुरंत ओआरएस का घोल व जिंक की गोली देनी चाहिए। इससे डायरिया को रोकने में उन्हें तुरंत सहायता मिलेगी।

कहा कि दस्त प्रबंधन में ओआरएस व जिंक की गोली का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ओआरएस शरीर में होने वाले निर्जलीकरण से बचाव करती है तथा शरीर में जल की कमी नहीं होने देती है। वहीं ङ्क्षजक की 14 गोली खाने से शरीर में क्षीण हुई शक्ति की भरपाई होती है तथा अगले तीन महीने तक बच्चों को दस्त नहीं होने देता है।

इसी उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 15 से 29 जुलाई तक दस्त नियंत्रण पखवारा कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कहा कि बिहार में सालाना पांच वर्ष तक के 12 लाख बच्चों की मौत डायरिया से होती है। सरकार शिशु मृत्यु दर को शून्य करने को ले सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि लोग अपने घरों में दस्त का प्रबंधन ओआरएस और जिंक के माध्यम से कर सके।

कार्यक्रम में जन्म से पांच वर्ष के बच्चे और उनकी माताओं को एक- एक पैक ओआरएस दिया गया तथा दस्त प्रबंधन पर परामर्श दिया गया। मौके पर डीआइओ डा. आरकेपी साहू, डा. केपी विद्यार्थी, ऋतू राज, सासाराम प्रभारी, बीएचएम प्रवीण कुमार सहित बीसीएम, बीएमसी, तथा अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

अभियान के दौरान इन बातों की दी जा रही जानकारी

  • जिक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से काराया जाए।
  • दस्त बंद हो जाने के उपरांत भी ङ्क्षजक की खुराक दो माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार 14 दिनों तक दिया जाए।
  • जिक और ओआरएस के उपयोग के उपरांत भी दस्त ठीक न होने पर बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं।
  • दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, उपरी आहार तथा भोजन जारी रखा जाए।
  • उम्र के अनुसार शिशु पोषण संबंधी परामर्श दिया जाएगा।
  • पीने के लिए साफ एवं सुरक्षित पयेजल का उपयोग करें।
  • खाना बनाने एवं खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोयें।
  • डायरिया होने पर ओआरएस और ङ्क्षजक का उपयोग करने से बच्चों में तीव्र सुधार होता है।

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