रामपुर प्रखंड में बिना बोर्ड लगाए कराया जा रहे योजनाओं के कार्य, निर्माण स्थल पर महीनों बाद नहीं लगे चिन्ह
किसी भी योजना के कार्य में प्राक्कलन बोर्ड नहीं लगाया गया है। यहां तक कि कई योजनाएं पूर्ण होने के बावजूद वहां महीनों बाद भी प्राक्कलन बोर्ड की जरूरत नहीं समझी गई। इसके चलते ग्रामीणों को कार्य योजना का नाम प्राक्कलित राशि निर्माण समय आदि जानकारी नहीं मिल पाती है।
संवाद सूत्र, रामपुर (भभुआ)। इस वर्ष के अप्रैल या मई माह में पंचायत चुनाव होने की संभावना है। इसे लेकर प्रखंड के पंचायतों में विकास कार्यो में तेजी आ गई है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना, मनरेगा, पीएचइडी विभाग द्वारा पंचायत के वार्डों में तेजी से कार्य कराए जा रहे हैं। कहीं नल-जल तो कहीं नाली-गली, सड़क तथा मनरेगा के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। लेकिन संवेदकों द्वारा कार्यो में सरकार के बनाए गए मानक की अनदेखी की जा रही है।
किसी भी योजना के कार्य में प्राक्कलन बोर्ड नहीं लगाया गया है। यहां तक कि कई योजनाएं पूर्ण होने के बावजूद वहां महीनों बाद भी प्राक्कलन बोर्ड की जरूरत नहीं समझी गई। इसके चलते ग्रामीणों को कार्य योजना का नाम, प्राक्कलित राशि, निर्माण समय सहित कोई भी जानकारी नहीं मिल पाती है। जिससे कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।
गौरतलब हो कि, सरकार द्वारा कार्य में पारदर्शिता को लेकर किसी भी योजना का कार्य शुरू करने से पहले योजना के नाम से लेकर प्राक्कलित राशि समेत अन्य जानकारी अंकित कर निर्माण स्थल पर बोर्ड लगाना अनिवार्य है। इसके लिए विभिन्न प्रकार के बोर्ड हेतु अलग-अलग राशि भी निर्गत होती है। लेकिन, प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में पंचायती राज विकास मद हो या मनरेगा योजना, सभी कार्य बगैर प्राक्कलन राशि का बोर्ड लगाए धड़ल्ले से किए जा रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण रामपुर में प्रखंड़ में सभी योजना का है।
प्रखंड के सभी पंचायतों के कई वार्डो में नल-जल योजना का कार्य किया जा रहा है। लेकिन कुछ निर्माण स्थल पर प्राक्कलन राशि का बोर्ड नहीं लगाया गया है तो वही पक्की नली-गल्ली में ना ही बोर्ड लगाया गया है। इस संबंध में डीपीआरओ प्रमोद कुमार ने बताया कि पंचायती राज्य योजना से जो कार्य हुए है अगर बोर्ड नही लगा है तो यह बहुत गलत है। इस संबंध में बीडीओ से संपर्क कर हर हाल में योजना का बोर्ड लगाने का निर्देश दिया जाएगा।