बिहार के नवादा में झोला छाप 'लेडी डॉक्टर' ने कर दिया सिजेरियन ऑपरेशन, प्रसूता की मौत के बाद हंगामा
नवादा के पुरानी जेल रोड में एक महिला का प्रसव कराने के लिए क्वैक लेडी ने सिजेरियन ऑपरेशन कर दिया। इसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ने लगी। गुरुवार सुबह महिला ने दम तोड़ दिया। इसके बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा किया।
जासं, नवादा। नगर के पुरानी जेल रोड में अवैध रूप से चल रहे प्राइवेट क्लिनिक में प्रसव के लिए कराए गए ऑपरेशन के बाद महिला की मौत हो गई। बच्चा सुरक्षित है। घटना की जानकारी मिलते ही स्वजनों ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया। उनका कहना था कि हालत बिगड़ने के बावजूद मरीज को दूसरे अस्पताल नहीं ले जाने दिया गया। यह देख कथित लेडी डॉक्टर क्लिनिक छोड़कर फरार हो गई। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझाकर आक्रोशित लोगों को शांत कराया। मृतका रोह थाना क्षेत्र के मड़रा गांव निवासी नवीन चौधरी की 22 वर्षीय पत्नी शोभा देवी थी।
एक आशा ने पहुंचाया था अस्पताल
मृतका के भाई मोहन कुमार ने बताया कि अकौना की एक आशा संजू देवी ने 19 जनवरी को पुरानी जेल रोड में क्लीनिक पहुंचाया था। उस क्लिनिक का कोई बोर्ड नहीं है। क्लिनिक संचालिका ने कहा कि ऑपरेशन करना होगा। इसके बाद उसने ऑपरेशन कर दिया। शोभा ने एक बच्चे को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। आरोप है कि स्थिति बिगड़ने के बावजूद क्लीनिक संचालक दूसरे अस्पताल नहीं ले जाने दे रहे थे। कई बार बोलने के बाद भी सब कुछ संभाल लेने की बात कही। आखिरकार उसकी मौत हो गई
झोला छाप महिला चलाती है क्लिनिक, कोई बोर्ड भी नहीं
जानकारी के अनुसार, जिस क्लीनिक में प्रसूता की मौत हुई है, उसका संचालन रिंकू ज्योति नाम की महिला करती है। उस महिला के पास कोई डिग्री नहीं है। लेकिन धड़ल्ले से गंभीर ऑपरेशन भी करती है। अस्पताल का कोई बोर्ड भी नहीं है। घटना के बाद वह क्लिनिक छोड़कर फरार हो गई। नगर थाने की पुलिस ने पहुंचकर उन्हें शांत कराया। थानाध्यक्ष टीएन तिवारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। मृतका के पिता सुरेश चौधरी ने क्लिनिक संचालक रिंकू देवी के खिलाफ प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है। इसमें लापरवाही का आरोप लगाया गया है। मालूम हो कि जिले में कई आशा की ऐसे क्लिनिकों से सांठ-गांठ है। वे बरगला कर मरीजों को इन क्लिनिकों में ले जाती हैं। वहां वसूली जमकर की जाती है। जान पर भी खतरा बना रहता है। बावजूद स्वास्थ्य विभाग ऐसे नीम-हकीमों पर कार्रवाई करने में सफल नहीं दिख रहा।