अशोक सम्राट भवन के निर्माण में झोपड़ी बाधक
गया। नगर निगम परिसर से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने के कारण अशोक सम्राट भवन का निर्माण अधर में है। इस कार
गया। नगर निगम परिसर से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने के कारण अशोक सम्राट भवन का निर्माण अधर में है। इस कारण जर्जर भवन में ही निगम कार्यालय चल रहा है। निगम परिसर में दो दर्जन झोपड़ियां बने हैं। इनको हटाने के लिए कई बार प्रयास किए गए। इसके बावजूद परिसर से झोपड़ियां नहीं हटीं। झोपड़ियां हटा दी जातीं तो जनवरी 2017 में ही अशोक सम्राट भवन का निर्माण हो जाता।
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1.11 करोड़ रुपये
का बना था भवन
1.11 करोड़ रुपये से अशोक सम्राट भवन का निर्माण होना था। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर एक बड़े से हॉल के साथ शौचालय का निर्माण करना था और प्रथम मंजिल पर कार्यालय बनना था। मुख्य मार्ग से लेकर अशोक सम्राट भवन तक पीसीसी पथ का भी निर्माण होना था ताकि व्यक्ति को कार्यालय तक पहुंचने में परेशानी नहीं हो।
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भवन निर्माण को लेकर
2015 में हुई थी निविदा
भवन निर्माण को लेकर सितंबर 2015 में ही निविदा हुई थी। निविदा एक वर्ष बाद संवेदक कार्य करने का निगम द्वारा निर्देश दिया गया। उसके बाद भी परिसर से झोपड़ियों को नहीं हटाया गया। भवन निर्माण की अंतिम तिथि 13 जनवरी 2017 थी। इसके बावजूद दो वर्ष से अवैध निर्मित झोपड़ियां परिसर से नहीं हटीं।
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बार-बार उठता है मुद्दा
अशोक सम्राट भवन निर्माण को लेकर बार-बार नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति एवं बोर्ड की बैठक में वार्ड पार्षदों द्वारा मुद्दा उठाया जाता है। मेयर और नगर आयुक्त द्वारा दलील दिया जाता है कि झोपड़ियां हटाने को लेकर पहल की गई है। झोपड़ियों में रह रहे लोगों को शहर के दूसरे स्थानों पर बसने की व्यवस्था की जा रही है।
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झोपड़ियां को हटाने के लिए पहल की जा रही है। झोपड़ियां में रह रहे लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाकर बसाया जाएगा। इसके लिए निगम सशक्त समिति और बोर्ड की बैठक से प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। झोपड़ियों को हटाने के बाद दोबारा निविदा निकालकर अशोक सम्राट भवन का निर्माण किया जाएगा।
ईश्वर चंद शर्मा, नगर आयुक्त