औरंगाबाद: स्वास्थ्य व्यवस्था कटघरे में, एंबुलेंस न मिलने पर ठेला से प्रसूता को ले अस्पताल पहुंचे स्वजन
प्रसव पीड़ित महिला को एंबुलेंस नहीं मिला तो स्वजन ठेला पर लेकर अस्पताल पहुंच गए। यह देखकर अस्पताल में रहे अन्य मरीज व स्वास्थ्यकर्मी चौंक गए। हुआ यूं कि शहर के दानी बिगहा निवासी सूरज कुमार की पत्नी काजल कुमारी को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने के बजाए दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। संचालित योजनाओं का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। संबंधित अधिकारी योजनाओं में पतीला लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसका उदाहरण बुधवार की रात सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष के पास देखने को मिला।
प्रसव पीड़ित महिला को एंबुलेंस नहीं मिला तो स्वजन ठेला पर लेकर अस्पताल पहुंच गए। यह देखकर अस्पताल में रहे अन्य मरीज व स्वास्थ्यकर्मी चौंक गए। हुआ यूं कि शहर के दानी बिगहा निवासी सूरज कुमार की पत्नी काजल कुमारी को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। काफी प्रयास के बावजूद एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी।
अंत में स्वजन ठेला पर महिला को बैठाकर अस्पताल पहुंच गए। प्रसव कक्ष में करीब 11 बजे काजल को भर्ती कराया गया। 11.16 बजे प्रसव हुआ। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस को निशुल्क सेवा प्रदान कर प्रसव पीड़ा से ग्रस्त महिलाओं को अस्पतालों तक लाने एवं प्रसव पश्चात घर पहुंचाने की व्यवस्था पर लाखों रुपये खर्च होती है। इतना ही नहीं इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रचार भी किया जाता है। प्रचार-प्रसार पर पैसे खर्च किए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग इस कार्य के लिए आशा एवं अन्य संबंधित विभाग के कर्मियों को लगा रखा है और उन्हें समय-समय पर अस्पताल पहुंचाकर चिकित्सीय व्यवस्था उपलब्ध करना है। लेकिन सभी योजनाएं धरातल पर दिखाई नहीं देती है।
ठेला पर अस्पताल में प्रसव पीड़ित महिला को लाना स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ कर रहा है। सदर अस्पताल के प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि प्रसव पीड़ित महिला के स्वजन के द्वारा एंबुलेंस के लिए फोन नहीं किया गया है। अगर फोन आता तो निश्चित तौर पर एंबुलेंस भेजा जाता है। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए हम सभी कार्य कर रहे हैं। वैसे इस मामले को विभाग ने गंभीरता से लिया है।