बर्ड फ्लू को लेकर हाई अलर्ट हुआ स्वास्थ्य व पशुपालन विभाग, उबालने के बाद चिकेन खाना हानिकारक नहीं
कोरोना का असर कम हो रहा है परंतु देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू का असर बढ़ता जा रहा है। अन्य राज्यों में बढ़ते हुए केस को देखते हुए जिले के स्वास्थ्य विभाग एवं पशुपालन विभाग अलर्ट पर हो गया है।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। कोरोना का असर कम हो रहा है परंतु देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू का असर बढ़ता जा रहा है। अन्य राज्यों में बढ़ते हुए केस को देखते हुए जिले के स्वास्थ्य विभाग एवं पशुपालन विभाग अलर्ट पर हो गया है। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डा. कुमार मनोज ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के आदेश का पालन किया जा रहा है। लगातार संपर्क में हमलोग हैं।
अगर कहीं भी इसका मामला सामने आता है तो उस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उपचार शुरु कर दिया जाएगा। बर्ड फ्लू मुख्य रुप से अगर आस-पास का कौआ मरने लगता है तो पहचान मिलता है। यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है। ये लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाए तथा तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल व स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। आदेश के अनुसार पक्षियों की मौत का कोई भी मामला सामने आने पर तुरंत स्टेट नोडल पशुपालन विभाग को रिपोर्ट करने को कहा गया है।
क्या है लक्ष्ण
- बर्ड फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू जैसा होता है। जैसे सांस लेने में समस्या, उल्टी होने का एहसास, बुखार, नाक बहना, मांसपेशियों, पेट के निचले हिस्से और सिर में दर्द रहना।
- इंसानों में यह बीमारी मुर्गियों और संक्रमित पक्षियों के बेहतर पास रहने से होती है। इसका वायरस इवियन इन्फ्लूएंजा इंसानों में आंख, नाक और मुंह के जरिए फैलता है।
- यह वायरस काफी खतरनाक होता है और इसानों की जान तक ले सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि इंसानों में इस वायरस से निमोनिया होता है और वह खतरनाक हो जाता है।
-चिकित्सक के अनुसार इसका इलाज भी है। स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली दवा इस पर भी काम करती है। लोगों को ज्यादा डरने की जरुरत नहीं है।
इंसानों के लिए कैसे खतरनाक
इंसानों में इस वायरस के केस कभी-कभी ही देखने को मिलते हैं लेकिन एक शख्स से दूसरे शख्स में इस वायरस के फैलने की संभावना कम होती है। बर्ड फ्लू कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि इसानों में इस वायरस से मृत्यु दर करीब 60 प्रतिशत है। बर्ड फ्लू के इंसानों आए मामले में देखा गया है कि यह सभी इस वायरस से संक्रमित किसी जीवित या मृत पक्षी संपर्क में आएं थे। इंसानों में बर्ड फ्लू का पहला मामला हांगकांग में साल 1997 में आया था। इससे साथ ही अभी तक इस बात का भी कोई सबुबूत नहीं मिला है कि बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षी अगर ढंग से पकाया गया तो उसे खाने से संक्रमण फैलता है।