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नियमों की धज्जी उड़ा रहे ज्ञान गंगा और पैरामाउंट इंटर स्कूल, कोविड-19 की गाइडलाइंस का नहीं कर रहे पालन

ब्रिटिश लिंगुआ स्कूल में 6 फीट की दूरी और मास्क जरूरी का पालन तो किया जा रहा था लेकिन नौवीं से नीचे की कक्षाओं के बच्चे पढ़ते पाए गए। इस स्कूल को सील करने का आदेश दिया गया है। विवेकानंद मिशन स्कूल में कोई भी बच्चा नहीं पाया गया।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 03:58 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 03:58 PM (IST)
नियमों की धज्जी उड़ा रहे ज्ञान गंगा और पैरामाउंट इंटर स्कूल, कोविड-19 की गाइडलाइंस का नहीं कर रहे पालन
स्‍कूली बच्‍चों से मुलाकात करतीं एडीओ अनुपम कुमारी। जागरण।

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। एसडीओ कुमारी अनुपम सिंह द्वारा शनिवार को चार निजी विद्यालयों में औचक छापेमारी की गई। ज्ञान गंगा इंटर स्कूल और पैरामाउंट साइंस इंटर स्कूल में कोविड-19 के नियमों और सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए बच्चों को पढ़ाते हुए पाया गया। दोनों के विरुद्ध बीईओ द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। ऐसा आदेश एसडीओ ने दिया है।

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वहीं, ब्रिटिश लिंगुआ स्कूल में 6 फीट की दूरी और मास्क जरूरी का पालन तो किया जा रहा था लेकिन नौवीं से नीचे की कक्षाओं के बच्चे पढ़ते पाए गए। इस स्कूल को सील करने का आदेश दिया गया है। विवेकानंद मिशन स्कूल में कोई भी बच्चा नहीं पाया गया। यह चेतावनी दी गई है कि वे कोविड-19 के नियमों और सरकारी निर्देशों का अनुपालन अवश्य करें। एसडीओ कुमारी अनुपम सिंह के साथ बीडीओ जफर इमाम और बीईओ संजय कुमार उपस्थित थे। एसडीओ ने बताया कि ज्ञान गंगा इंटर स्कूल में कक्षा 5, 6, 7 और 8 के बच्चे भी पढ़ते हुए पाए गए। एक बेंच पर पांच और एक छोटे से कमरे में 60 से 70 बच्चे उपस्थित मिले।

बताया कि 6 फीट की दूरी की कौन कहे, यहां दो बच्चों के बीच 6 इंच की भी दूरी नहीं थी। मास्क किसी के चेहरे पर नहीं था। नौंवी और इससे ऊपर की कक्षाओं में भी लगभग ऐसी ही स्थिति पाई गई। इस स्थिति से कोरोना संक्रमण के प्रसार को बढ़ावा मिल सकता है। इसके बाद पैरामाउंट साइंस इंटर विद्यालय में औचक छापेमारी की गई। जिसमें काफी गंदगी मिली है। अंधेरे में बच्चों को पढ़ते हुए पाया गया। ऊपरी तल पर भी बच्चे पढ़ते दिखे। बड़े कमरे में मात्र एक बल्ब लगाया हुआ था वह भी निरीक्षण में बंद पाया गया। कहा कि कम रोशनी के कारण पढ़ने वाले बच्चों की आंख की प्रभावित हो सकती है। गंदगी में बैठाकर बच्चों को पढ़ाना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। यहां भी पांचवी से ऊपर तक के बच्चे मिले। एसडीओ ने बताया कि ब्रिटिश लिंगुआ में छोटे बच्चे एक बेंच पर दो बैठे पाए गए। मास्क भी पहने हुए दिखे। इसको सील करने को बीईओ को कहा गया है। विवेकानंद मिशन स्कूल में कोई बच्चा नहीं मिला। सभी तलों और कक्षाओं की जांच की गई। एसडीओ ने बताया कि विद्यालयों में सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं पाई गई।

शुक्रवार को बस का बनाया गया था वीडियो

एसडीएम कुमारी अनुपम सिंह ने बताया कि ज्ञान गंगा इंटर स्कूल के बस का वीडीओ शुक्रवार को बनवाया था। जिसमें कक्षा पांच से आठ तक के भी बच्चे थे। कुछ खड़े बच्चे भी थे। यह परिवहन नियम और कोविड-19 के नियमों का घोर उल्लंघन है। बच्चों के साथ यह खिलवाड़ है और कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार में कोई भी वाहक बनेगा तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

अभिभावकों की अपनी मजबूरी

एसडीम को फोन पर कुछ अभिभावकों ने बताया था कि ना चाहते हुए भी वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि स्कूल खोल कर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। अभिभावकों ने उनसे कहा था कि यदि वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे तो उनके सहपाठी आगे निकल जाएंगे और उनके बच्चे पिछड़ जाएंगे। इस कारण वह अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इसी शिकायत और पीड़ा सुनने के बाद एसडीओ ने शनिवार को यह कार्रवाई की।

अध्यक्ष पद से हटाये जा सकते हैं नन्दकिशोर

ज्ञान गंगा इंटर स्कूल के निदेशक नंदकिशोर सिंह स्कूलों के एक संगठन के जिला अध्यक्ष भी हैं। चुनावी राजनीति में तो वे शामिल हैं ही। आगामी 27 जनवरी को इस संगठन की बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि संगठन अपने अध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई कर सकता है। क्योंकि जो हुआ उससे जिले के निजी विद्यालय और यह संगठन दोनों खुद को शर्मिंदा और बेआबरू महसूस कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार ज्ञान गंगा द्वारा चुनाव के दरमियान भी विद्यालय खोले जा रहे थे और छोटे बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। लेकिन तब चुनाव में व्यस्तता के कारण अधिकारियों ने कोई करवाई नहीं किया था।


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