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नलकूपों को चालू व बंद करने की जबावदेही जनप्रतिनिधि के कंधों पर

जिले में जितने नलकूप थे उन सभी नलकूपों का स्थानातरण करने की कार्यवाही की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 09:02 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 09:02 PM (IST)
नलकूपों को चालू व बंद करने की जबावदेही जनप्रतिनिधि के कंधों पर
नलकूपों को चालू व बंद करने की जबावदेही जनप्रतिनिधि के कंधों पर

गया। जिले में जितने नलकूप थे, उन सभी नलकूपों का स्थानातरण करने की कार्यवाही की जा रही है। क्षेत्र भ्रमण में किसानों द्वारा नलकूपों की विभिन्न समस्याएं बताई जाती थी। कोई भी नलकूप वहा आसपास के किसानों या जनप्रतिनिधियों, सभी के लिए काफी महत्व रखता है, क्योंकि उसी नलकूप के माध्यम से पटवन होता है। उससे हरा भरा बनाता है। इसी कारण से सभी नलकूपों को हस्तातरित करने की कार्यवाही की जा रही है। निर्णय लिया गया है। स्थानीय लोग या खासकर के जनप्रतिनिधि को नलकूप का रखरखाव एवं ससमय चलाने का दायित्व दिया जा रहा है। यह बात शनिवार को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने राजकीय नलकूपों के सफलतापूर्वक संचालन के लिए जनप्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला परिषद सभागार में कही।

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायतों पर काफी भरोसा कर रही है जैसे नल जल, नाली-गली योजना है, वार्ड स्तर की समितियों द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है। कई विकसित प्रदेशों में भी इतना बड़ा निर्णय नहीं लिया गया है, जो बिहार में लिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी मुखिया को वित्तीय शक्ति प्रदान की गई है। यही एक शक्ति है जो अन्य किसी जनप्रतिनिधि चाहे वह कोई मंत्री हो, मेयर हो या कोई अन्य जनप्रतिनिधि हो किसी के पास इतनी बड़ी वित्तीय शक्ति नहीं है, जो एक पंचायत के मुखिया के पास है। क्योंकि मुखिया सीधे जनता के बीच से आते हैं। बिंदुओं को समझे ताकि बेहतर तरीके से इसका क्षेत्र में क्रियान्वयन कर सकें। किसी भी हाल में अज्ञानता के कारण या जानकारी के अभाव में नियम के विरुद्ध कार्य ना हो। प्रत्येक पंचायत में 10 हजार पौधा लगाने का लक्ष्य

जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की जा चुकी है,और विभिन्न जगहों पर इसका क्रियान्वयन किया जाना है। अगले साल का लक्ष्य रखा गया है कि हर पंचायत में कम से कम 5 से 10 हजार पौधे लगाए जाएं। इसके लिए भूमि का चयन किया जाना जरूरी है चाहे वह पहाड़ का तलहटी हो, नदी के किनारे, सड़क के किनारे, सरकारी भवनों के आसपास, इन सभी जगहों को चिहित कर एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन दें, ताकि वह प्रतिवेदन वन विभाग को हस्तातरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र के आहार, पइन, पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराएं।

19 जनवरी को मानव श्रृंखला में मुखिया का मांगा सहयोग

उन्होंने कहा कि 19 जनवरी 2020 को जल जीवन हरियाली योजना के तहत मानव श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुखिया का अहम भूमिका है। वे अपने-अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हिस्सा दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह पूर्व में बिहार ने पूरे देश में यह कीर्तिमान स्थापित किया है इस बार भी यह कीर्तिमान स्थापित करेगा।

नलकूप का हिसाब भी रखेंगे जनप्रतिनिधि

उप विकास आयुक्त किशोरी चौधरी ने कहा कि सभी नलकूप को चालू करना, बंद करना एवं उसके रखरखाव की जिम्मेदारी सीधे जनप्रतिनिधि की होगी। नलकूप कितने समय तक चले, किन किसानों को नलकूप के माध्यम से पानी दिया गया। इन संबंधित अभिलेखों को लॉग बुक पर एंट्री करेंगे। बिजली विभाग द्वारा निर्धारित दर पर ही नलकूप से पटवन के लिए किसानों को पानी दिया जाए।


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