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Aurangabad: जमानत के बावजूद जेल में पड़े बंदियों के लिए अच्‍छी खबर, अधिवक्‍ता भरेंगे बंधपत्र

कोरोना की वजह से जेल में पड़े वैसे बंदी जिन्‍हें जमानत मिल चुकी है उनके बाहर आने का रास्‍ता साफ हो गया है। अधिवक्‍ता अब उनके लिए बंधपत्र जमा कर सकेंगे। ऐसा निर्णय बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 08:59 AM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 09:06 AM (IST)
Aurangabad: जमानत के बावजूद जेल में पड़े बंदियों के लिए अच्‍छी खबर, अधिवक्‍ता भरेंगे बंधपत्र
जमानत पा चुके बंदियों के लिए अधिवक्‍ता भरेंगे बंधपत्र। प्रतीकात्‍मक फोटो

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता।  कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए व्यवहार न्यायालय (Civil Court)  के अधिवक्ताओं ने स्‍वयं को न्‍यायिक कार्यों से अलग करते हुए काम नहीं करने का निर्णय लिया था। इस कारण कई ऐसे बंदी जेल में पड़े हैं जिन्‍हें जमानत (Bail) मिल चुकी है लेकिन बंधपत्र के बिना वे बाहर नहीं आ पा रहे हैं। लेकिन अब उनके लिए अच्‍छी खबर है। कोर्ट से जमानत प्राप्त कर चुके बंदियों के लिए बंंधपत्र भरने का निर्णय लिया है। ऐसे में हजारों बंदियों को राहत मिल जाएगी। 

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बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मिला है निर्देश

औरंगाबाद कोर्ट के अधिवक्ता जमानत पा चुके बंदियों की ओर से न्यायालय में उपस्थित होकर बंधपत्र दाखिल करेंगे। जिला विधिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह व महासचिव परशुराम सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) के आदेशानुसार ऐसा निर्णय लिया गया है। पूर्व में जमानत प्राप्त कर चुके बंदियों का कोरोना काल में जिला विधिक संघ के अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित होकर बंधपत्र  दाखिल करेंगे। अधिवक्ता सतीश कुमार स्‍नेही ने बताया कि इससे अच्छी तादाद में जेल के बंदी मुक्त होंगे और जमानत पर अपने घर में सुरक्षित रह पाएंगे। 

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी नहीं आ सके थे बाहर

गौरतलब है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad yadav) भी जेल से इसलिए बाहर नहीं आ सके थे कि अधिवक्‍ता ने बंधपत्र नहीं भरा था। क्‍योंकि कोरोना की वजह  से अधिवक्‍ताओं ने स्‍वयं को कोर्ट से अलग कर लिया था। यदि ऐसा नहीं होता तो करीब एक सप्‍ताह पहले ही राजद सुप्रीमो के जेल से बाहर आने का रास्‍ता साफ हो गया होता। अब अधिवक्‍ताओं ने बंदियों के हित में कार्य करने का निर्णय लिया है। इससे अब जेल में बंदियों का भार भी कुछ कम हो सकेगा। कोरोना काल में जेल प्रशासन के लिए भी यह राहत की बात होगी।  


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