गया- औरंगाबाद के फरार नक्सली सब जोनल कमांडर ने किया आत्मसमर्पण, आईईडी लगाने का है एक्सपर्ट, लगाए गंभीर आरोप
प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन से नाता तोड़कर सब जोनल कमांडर 31 वर्षीय लक्ष्मीकांत पासवान जो गया जिले के लुटुआ थाना क्षेत्र के ग्राम कोठिलवा का रहने वाला है शुक्रवार को 29 वीं सशस्त्र सीमा बल बिहार पुलिस तथा प्रशासन के समक्ष हथियार और कारतूस के साथ आत्मसमर्पण किया।
जागरण संवाददाता, गया : प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन से नाता तोड़कर सब जोनल कमांडर 31 वर्षीय लक्ष्मीकांत पासवान जो गया जिले के लुटुआ थाना क्षेत्र के ग्राम कोठिलवा का रहने वाला है, शुक्रवार को 29 वीं सशस्त्र सीमा बल, बिहार पुलिस तथा प्रशासन के समक्ष हथियार और कारतूस के साथ आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण समारोह में छेरिंग दोरजे उप महानिरीक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय (विशेष प्रचालन) सशस्त्र सीमा बल गया, हरप्रीत कौर वरीय पुलिस अधीक्षक, एच.के गुप्ता कमांडेंट 29 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, मनोज राम पुलिस उपाधीक्षक इमामगंज ने पुष्प गुच्छ देकर समाज के मुख्य धारा में लौटने पर स्वागत किए।
आईईडी लगाने का है एक्सपर्ट
लक्ष्मी कांत ने बताया कि उन्हें गुमराह और न्याय दिलाने के लिए संगठन से जोड़ा गया था। लेकिन संगठन में उन्हें न्याय नहीं मिला। बल्कि वहां शोषण का शिकार हुए। संगठन के नेता बदलाव और न्याय के नाम पर धन उगाही करते है। कई नक्सली नेता संगठन के नाम पर सम्पत्ति बनाए हुए हैं। आपबीती सुनाते हुए पत्रकारों को बताया कि संगठन से जुड़े दस्ता सदस्यों को दो शाम का खाना भी नसीब नहीं होता था। उन्होंने यह बात स्वीकार किया कि संगठन से जुड़े गया और औरंगाबाद जिले में वारदात को अंजाम दिए थे। वह संगठन का आईईडी लगाने का विशेष कहा जाता था। इसके ऊपर एसएसबी एवं सुरक्षा एजेंसी द्वारा लगातार नक्सल विरोधी अभियान के कारण, नक्सली जिंदगी असुरक्षित है और दिन-रात जंगल में भटकते रहने को मजबूर हैं।
16 जून 2022 को संगठन से भागा
उन्होंने बताया कि 07 जून 2022 को संगठन में रहते हुए शादी की थी। 16 जून 2022 को संगठन से भागने में कामयाब हो गया। भागकर (छत्तीसगढ़) पहुंच गए। लक्ष्मी कांत पासवान ने संगठन छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए एसएसबी बीबीपेसरा के कंपनी कमांडर रामवीर कुमार सहायक कमांडेंट के जरिए एच.के गुप्ता कमांडेंट 29 वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल गया से संपर्क किया। आत्मसमर्पण करने की इच्छा जतायी थी। हिम्मत दिखाकर नक्सली संगठन को छोड़ दिया और समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए उपस्थित हो गया।
हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्य धारा में सम्मिलित की अपील
मौके पर वरीय पुलिस अधीक्षक ने अपील करते हुए कहा कि समाज से भटके नौजवान जो मुख्य धारा से अलग होकर नक्सलियों का साथ दे रहे है, वे सभी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित हो। परिवार एवं समाज का विकास करें।लक्ष्मीकांत को गया जिला पुलिस की ओर 15 हजार नक़द इनाम दिया गया। साथ ही सरकारी योजना का लाभ, प्रशिक्षण और जीविका उपार्जन को सहयोग देने का आश्वासन दिया।इसके खिलाफ गया और औरंगाबाद में एक दर्जन मामले थाना में दर्ज है। कार्यक्रम में मुकेश कुमार गुप्ता, 159 वाहिनी सीआरपीएफ रूप नारायण बिरोली, द्वितीय कमांड अधिकारी, कोबरा के, टी राजेश पाल, द्वितीय कमांड अधिकारी ज्ञानेन्द्र कुमार मौजूद थे।