Move to Jagran APP

गया के जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्ताव की विशेष बैठक रद, इस वजह से हुआ ऐसा

गया की जिला परिषद अध्‍यक्ष करुणा कुमारी की कुर्सी पर खतरा टल गया है। नियमों का हवाला देते हुए अविश्‍वास प्रस्‍ताव की विशेष बैठक रद कर दी गई है। वे जनवरी 2020 में अध्‍यक्ष बनी थीं। दो वर्ष की अवधि पूर्ण नहीं हुई है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 08:13 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 11:39 AM (IST)
गया के जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्ताव की विशेष बैठक रद, इस वजह से हुआ ऐसा
गया का जिला समाहरणालय भवन। जागरण आर्काइव

गया जागरण संवाददाता। 21 जनवरी को जिला परिषद अध्यक्ष करुणा कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाई बैठक को मंगलवार की शाम रद कर दी गई। इस आशय का एक पत्र उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सुमन कुमार ने जारी किया है। उन्होंने पंचायती राज विभाग के निदेशक के पत्र और जिला पदाधिकारी के पत्र का हवाला देते हुए बैठक को रद करने की घोषणा की है। इस आशय का आदेश निर्गत करते हुए बैठक के रद करने की जानकारी जिला परिषद अध्यक्ष को दे दी गई है। उन्होंने पंचायती राज के निदेशक पत्र के हवाले से कहा है कि जिला परिषद अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्‍वास प्रस्ताव लाए जाने की याचना बीते 21 नवंबर 2020 और 28 दिसंबर 2020 को दी गई थी।

loksabha election banner

पहले दो वर्ष की अवधि में नहीं लाया जा सकता अविश्‍वास प्रस्‍ताव

विदित हो कि जिला परिषद अध्यक्ष का कार्यकाल आगामी 2 जुलाई 2021 को समाप्त होना है। इस प्रकार अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्‍वास प्रस्ताव छह माह पूर्व यानी 2 जनवरी तक ही लाया जाना न्याय संगत है। बिहार राज्य पंचायती राज अधिनियम 2000 की धारा में निहित अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के विरुद्ध उनकी  प्रथम 2 वर्ष की कालावधि के भीतर अविश्‍वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। सात जनवरी 2020 के अनुसार करुणा कुमारी को जिला परिषद अध्यक्ष बनाने करने का आदेश निर्गत किया गया था। इस प्रकार बिहार राज पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा में निहित प्रावधानों के अनुसार इनका कार्यकाल दो वर्ष पूर्ण नहीं माना जाएगा। इसलिए अधिनियम के तहत अविश्‍वास प्रस्ताव लाया जाना न्याय संगत नहीं प्रतीत होता है।

अब कार्य अवधि समाप्त होने के 6 महीने भीतर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। अविश्वास प्रस्ताव के समस्त प्रक्रिया को 6 माह के पूरा लिए जाने जाने से है ना कि 4 माह पूर्व से दी गई अधियाचन पर विचार करने के लिए। ऐसी तिथि नियत नियत के जाने से कार्य समाप्त होने से 6 माह के अंदर पड़ जा रही है । इसलिए अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाई गई विशेष बैठक को रद किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.