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पुलिस डाग स्‍क्‍वाड ढूंढता रह गया, गली के कुत्‍तों ने खोज निकाला गया की गुनगुन को; तब तक देर हो चुकी थी

पुलिस अपने प्रशिक्षि‍त डाग स्‍क्‍वाड की मदद लेकर भी गया की गुनगुन को चार दिनों में नहीं ढूंढ सकी थी। उसकी तलाश पूरी हुई गली के आवारा कुत्‍तों की वजह से। हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

By JagranEdited By: Shubh Narayan PathakPublished: Tue, 27 Sep 2022 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 05:49 PM (IST)
पुलिस डाग स्‍क्‍वाड ढूंढता रह गया, गली के कुत्‍तों ने खोज निकाला गया की गुनगुन को; तब तक देर हो चुकी थी
गया जिले के बरवाडीह गांव में बच्‍ची की हत्‍या। जागरण

बांकेबाजार (गया), संवाद सूत्र। बिहार के गया जिले में सात साल की बच्‍ची की हत्‍या कर दी गई। मामला बांकेबाजार प्रखंड की परसावां पंचायत के बरवाडीह गांव का है। गांव के सच्‍च‍िदानंद कुमार की सात वर्षीय बच्ची चांदनी कुमारी उर्फ गुनगुन कुमारी शुक्रवार से लापता थी। उसका शव बरवाडीह गांव से सटे मोरहर नदी से मंगलवार सुबह मिला। शव के काफी हिस्‍से को कुत्‍ते नोंचकर खा गए हैं। 

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कुत्‍तों का झुंड देखकर लोगों को पता चला 

अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्ची की हत्या कर नदी में गाड़ दिया गया था। शव का पता तब चला, जब दुर्गंध फैलने लगी। संभवत: दुुुुुुर्गंध के कारण ही कुत्‍ते शव तक पहुंचे और मिट्टी खोदकर उसे बाहर निकाल दिया। गांव के सामने ही कुत्‍तों का झुंड देखकर पास में गए तो शव की पहचान हुई।

खोजी कुत्‍ते लाकर भी नहीं ढूंढ पाई पुलिस 

इस मामले में पुलिस ने खोजी कुत्ता का भी उपयोग किया था। एसआइटी का भी गठन किया गया, लेकिन पांच दिनों के दौरान पुलिस को बच्ची की खोज में कोई सफलता नहीं मिली। मंगलवार को गांव से कुछ फासले पर मोरहर नदी में शव मिला।

परिवार ने भी काफी प्रयास किया ढूंढने का 

परिवार की ओर से बच्‍ची की खोज करने के लिए काफी प्रयास किया गया। पंपलेट एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र से भी प्रसार कर बच्ची के बारे में लोगों से खोजबीन करने एवं पता करने की गुहार लगाई गई। लेकिन कोई फायदा नहीं निकला। परिवार का कहना है कि पुलिस ने बच्‍ची को तलाशने में सही तरीके से कोश‍िश नहीं की।  

ग्राहक सेवा केंद्र चलाते हैं बच्‍ची के पिता 

बच्‍ची के पिता सच्‍च‍िदानंद कुमार बरवाडीह में पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र (सीएसपी) चलाते थे। वहां कुछ समस्‍या हुई थी। इसके बाद बैंक ने उनका सीएसपी बंद कर दिया। अब वे बांकेबाजार में कोई सीएसपी चलाते हैं। उनकी दो बेटियां थीं, जिनमें गुनगुन बड़ी थी। 


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