Gaya: विष्णुपद मंदिर में मिष्ठान के पहाड़ पर भगवान श्रीहरि हुए विराजमान, भगवान को लगा 56 भोग
भगवान श्रीहरि के विशेष पूजा अर्चना के साथ मिष्ठान का पहाड़ बनाया गया था। जिसपर श्रीहरि विराजमान थे। साथ ही भगवान को 56 भोग अर्पित किया गया। श्रीगौरिया मठ मंदिर इस्कॉन मंदिर सहित कई मंदिरों में भी अन्नकूट महोत्सव बनाया गया। जहां मिठाई पूरी खीर भगवान को अर्पित किया गया।
जागरण संवाददाता, गया: अन्नकूट महोत्सव शहर के कई मंदिरों में बुधवार को मनाई गई। विष्णुपद मंदिर में अन्नकूट धूमधाम से मनाया गया। जहां मिष्ठान के बने पहाड़ पर भगवान श्रीहरि विराजमान थे। सुबह से ही पूजा पाठ को लेकर भक्तों की ताता लगा था। श्रद्धालु भगवान श्रीहरि विष्णु के चरण चिन्ह के पूजा अर्चना एवं दर्शन कर रहे थे। तुलसी, दूध, दही, केला आदि पूजन सामग्री चरण चिन्ह पर अर्पित कर रहे हैं। श्री विष्णुपद प्रबंध कारिणी समिति के सदस्य शंभूलाल विट्ठल ने कहा कि अन्नकूट को लेकर मंदिर में विशेष तैयारी की गई थी।
भगवान श्रीहरि के विशेष पूजा अर्चना के साथ मिष्ठान का पहाड़ बनाया गया था। जिसपर श्रीहरि विराजमान थे। साथ ही भगवान श्रीहरि विष्णु को 56 भोग अर्पित किया जाएगा। वही शहर के श्रीगौरिया मठ मंदिर इस्कॉन मंदिर सहित कई मंदिरों में भी अन्नकूट महोत्सव बनाया गया। जहां मिठाई से लेकर पूरी, सब्जी, चावल, दाल, खीर आदि व्यंजन भगवान को अर्पित किया गया। युक्त मंदिरों को विशेष तरह से सजाया गया है ।
जमीन में दबा मिला शिवलिंग, निकलने पर पूजा को उमड़ी भीड़
संवाद सहयोगी, टिकारी: नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत बहेलिया बिगहा मुहल्ले में जमीन के नीचे दबे शिवलिंग मंगलवार को प्रकट होने के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना शुरू कर दी है। शिवलिंग मिलने की खबर क्षेत्र में फैलने के बाद श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ रही है। स्थानीय निवासी जितेंद्र यादव ने बताया कि सुबह में मुहल्ले की रहने वाली एक लड़की बाहर खेलने के दौरान एक सांप पर नजर पड़ी। जिसके बाद वह इसकी सूचना अपने स्वजनों और स्थानीय नागरिकों को दी। सूचना पर पहुंचे लोगों ने सांप ढूंढना शुरू किया। लेकिन सांप कही नही दिखा।
इसी क्रम में एक स्थान पर जमीन पर काला रंग का पत्थर नजर आया। तब लोग सांप को ढूढ़ना छोड़कर उक्त स्थान का मिट्टी हटाना शुरू कर दिया। जिसके बाद शिवलिंग आकार का पत्थर स्पष्ट दिखने लगा। लगभग एक फिट का शिवलिंग अपने पूरे आकार और अरघा में दिखने लगा। जिसके बाद श्रद्धालु दूध, फूल, बेलपत्र आदि चढ़ाने और पूजा अर्चना करने लगे। भगवान शंकर के जयकारे भी शुरू हो गयी। अब लोग उक्त भूमि पर मन्दिर निर्माण की चर्चा भी शुरू कर दी है। वहीं कुछ लोग इसे मन्दिर निर्माण की मंशा का प्रायोजित हिस्सा मान रहे हैं। इस मामले में स्थानीय थाना की पुलिस ने अनभिगता प्रकट की है।