गया: 65 घाटों से बालू का किया जा रहा उठाव, रोकने पर होगी कार्रवाई, जानिये बालू उठाव के नियम
नदी घाट से बालू उठाव के कई नियम हैं। उठाव के लिए नदी में तीन मीटर तक गढ्ढा कर उठाना है। उससे अधिक गड्ढा करने पर खनन अधिनियम तहत ठीकेदार पर कानूनी कार्रवाई होगी। बालू उठाने के क्रम में गड्ढे में पानी आ जाता है तो खोदाई बंद करनी है।
जागरण संवाददाता, गया : जिले में बालू की बहार फिर से लौट गई है। नदी घाटों से बालू का उठाव शुरू हो गया है। खनिज नियमावली 2019 के तहत एक व्यक्ति को एक घाट का ठेका दिया गया है। इस तरह जिले में 65 घाटों से बालू का उठाव शुरू हो गया है। जबकि एक-दो घाटों पर ठीकेदार के साथ लोग गलत व्यवहार कर रहे है। शेरघाटी में एक घाट पर स्थानीय लोगों द्वारा बालू उठाव रोका गया था। जिसमें खनन विभाग द्वारा कई लोगों पर कानूनी कार्रवाई की गई। बालू का उठाव फल्गु, मोरहर, बुढ़ी, निरंजना एवं ढाढ़र नदी से हो रही है। सबसे अधिक बालू घाट फल्गु नदी में है। खिरियावां से लेकर खिजरसराय तक एक दर्जन से अधिक घाट है।
मशीन से किसी भी हाल में बालू का उठाव नहीं करना है
नदी घाट से बालू उठाव के कई नियम हैं। उठाव के लिए नदी में तीन मीटर तक गढ्ढा कर उठाना है। उससे अधिक गड्ढा करने पर खनन अधिनियम के तहत ठीकेदार पर कानूनी कार्रवाई होगी। बालू उठाने के क्रम अगर गड्ढे में पानी आ जाता है तो खोदाई बंद करनी है। घाटों से बालू उठाने काम सिर्फ मजदूरों लगाकर करना है।
मशीन से किसी भी हाल में बालू का उठाव नहीं करना है। जबकि अधिकांश घाटों से बालू का उठाव मशीन से हो रहा है। जबकि नदी घाट से ग्राहकों को एक दाम पर बालू नहीं मिल रहा है। किसी घाट पर 100 सीएफटी का 22 सौ रुपये किसी घाट पर 3000 रुपये तक लिया जा रहा है। जबकि सौ सीएफटी बालू का सरकारी दाम 2500 रुपये है। ठीकेदारों द्वारा बालू का एक दाम नहीं लिया जा रहा है।
कहते हैं अधिकारी
65 घाटों से बालू का उठाव काम शुरू है। घाट से बालू उठाने में रोकने पर खनन अधिनियम के तहत व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी। ठीकेदार बालू का उठाव खनन विभाग के निर्देश पर कर रहे है।
विकास कुमार पासवान, जिला खनिज पदाधिकारी