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Gaya Crime: बाराचट्टी में पंगोलीन नामक जंगली जानवर के खाल के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

जीटी रोड पर मायापुर स्थित श्रीराम होटल के निकट से वन विभाग की टीम ने सोमवार को पंगोलीन नामक जंगली जानवर के खाल के साथ दो तस्कर को गिरफ्तार किया। तस्कर बाराचटटी के मायापुर पहुंचकर इसे बिक्री करने वाला था।

By JagranEdited By: Prashant Kumar pandeyPublished: Tue, 27 Sep 2022 08:09 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 08:09 AM (IST)
Gaya Crime: बाराचट्टी में पंगोलीन नामक जंगली जानवर के खाल के साथ दो तस्कर गिरफ्तार
पंगोलीन के खाल के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

 संवाद सूत्र, बाराचट्टी : थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो जीटी रोड पर मायापुर स्थित श्रीराम होटल के निकट से वन विभाग की टीम ने सोमवार को पंगोलीन नामक जंगली जानवर के खाल के साथ दो तस्कर को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार तस्कर झारखंड राज्य के चतरा जिला अंतर्गत सिमरिया थाना क्षेत्र के सिमरिया कला गांव के राहत हुसैन उर्फ मोहम्मद सैनुल पिता रहमत मियां व कोडरमा जिले के लोरियाडीह निवासी सकलदेव दास पिता दरबारी दास है।

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वन क्षेत्र पदाधिकारी विवेकानंद स्वामी ने बताया कि गुप्त सूचना थी कि उक्त जंगली पशु का खाल का तस्कर बाराचटटी के मायापुर पहुंचकर इसे बिक्री करने वाला है। उसके बाद एसएसबी कैंप बीबी पेसरा के सहायक कमांडेंट रामवीर कुमार साथ रणनीति बनाकर उक्त तस्कर को गिरफ्तार करने सफल रहे। मौके पर से तस्कर का दोनों बाइक भी बरामद किया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्त में आए दोनों तस्करों ने बताया कि चतरा जिले के सिमरिया के जंगलों में पंगोलीन काफी संख्या में है।

वहां विरहोर जाति के लोग इसका शिकार करते है इस दौरान इसे मारकर खाल को निकालकर रख लेते है। जिसे हमलोग खरीदकर लाए थे। तस्करों ने बताया कि इसे डंगरा मोड़ के पास का रहने वाला एक युवक ने इसे खरीदने के लिए हमलोग से खाल लेकर बुलाया था। इसके पहले वन विभाग के हत्थे चढ़ गया। स्वामी ने बताया कि एक और तस्कर भागने में सफल रहा। 

उन्होंने कहा कि ब्रजशल्क को ग्रामीण व जंगली इलाके में बृजकिट कहते हैं। इसके शरीर के उपरी भाग में कटीला और कड़ा खाल होता है। इसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू दवा के उपचार में कई बीमारियों में किया जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका दवा और बुलेटपूफ्र जैकेट बनाया जाता है। इस खाल की कीमत लगभग दो लाख रुपए प्रति किग्रा होता है। बरामद खाल एक किलो सात सौ ग्राम है।


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