गया की गली में क्रिकेट खेल अमन ने रणजी में रचा इतिहास
शहर के डेल्हा थाना क्षेत्र के शिवपुरी कॉलोनी के रहने वाले आशुतोष अमन गली क्रिकेट से लेकर बिहार रणजी टीम के कप्तान तक अब तक सफर तय किया है। हाल ही में रणजी ट्रॉफी में अमन ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्हें गया अपने घर पहुंचने पर स्वागत और बधाई देने वालों का तांता लग गया।
[सुभाष कुमार] गया
शहर के डेल्हा थाना क्षेत्र के शिवपुरी कॉलोनी के रहने वाले आशुतोष अमन गली क्रिकेट से लेकर बिहार रणजी टीम के कप्तान तक अब तक सफर तय किया है। हाल ही में रणजी ट्रॉफी में अमन ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्हें गया अपने घर पहुंचने पर स्वागत और बधाई देने वालों का तांता लग गया। इसी बीच, बचपन से साथ रहने वाले आशुतोष कुमार बड़े और संतोष कुमार छोटे ने श्री महावीर सोशल डवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से शनिवार उनके घर पहुंचकर माता-पिता और बिहार के लिए रणजी में अच्छे प्रदर्शन करने वाले आशुतोष अमन को शॉल और बुके देकर सम्मानित किया।
अमन के पिता रामप्रवेश शर्मा जो पेशे से किसान हैं और माता प्रतिमा शर्मा गृहिणी हैं, बताते हैं कि मेरा पैतृक घर परैया थाना क्षेत्र के सोलरा गांव है। शुरू से ही ताज कॉलोनी में किराये के दो कमरों में रहकर बच्चों को पढ़ाया लिखा। छोटा से ही आशुतोष अमन को प्लास्टिक के बॉल और बैट से क्रिकेट खेलने का शौक था। जैसे जैसे बड़ा होता गया क्रिकेट में उसकी रूचि बढ़ती गई। साथ-साथ पढ़ाई भी कर रहा था। इस बीच, 12 वीं पास कर एयर फोर्स में नौकरी हो गई।
अमन बताते हैं, नौकरी में जाने के बाद उसे एयरफोर्स से क्रिकेट खेलने के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म मिल गया। बिहार से डिस्ट्रिक्ट लेवल क्रिकेट खेलने लगे। अच्छे प्रदर्शन के आधार पर विजय हजारे ट्रॉफी के लिए खेलने का मौका मिला। रणजी ट्रॉफी के लिए बिहार टीम में शामिल हो गए और बेहतर प्रदर्शन ने उन्हें बिहार रणजी टीम का कप्तान बना दिया।
वह रणजी के इतिहास में अबतक सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। पूर्व क्रिकेटर विशन सिंह बेदी के 64 विकेट लेने के रिकॉर्ड को अमन ने 65 विकेट लेकर तोड़ दिया। बेदी 1974 में रणजी मुकाबले में 64 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया था।
अमन ने कहा कि मैं रणजी ट्रॉफी से शुरू किया था और सोचा नहीं था कि यहां तक पहुंचेंगे। लेकिन अपने प्रोग्रेस पर ध्यान दिया और एक रिकॉर्ड बनाया। गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी भी करता हूं। टीम के लिए बल्लेबाजी को लेकर चलता हूं और मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन करता हूं। गया के युवा क्रिकेटरों से कहना चाहता हूं कि वह सच्चे दिल और मेहनत से खेंले, सफलता जरूर कदम चूमेगी।