गया, बिहार पंचायत चुनाव 2021 परिणाम: मुखिया बनने के बाद भी जलावन से भोजन बनाती जयमूर्ति देवी
गुरुआ प्रखंड क्षेत्र की सुरक्षित सीट पलुहारा पंचायत से बुधुआचक गांव के कमलेश कुमार मंडल की पत्नी जयमूर्ति देवी पहली बार मुखिया बनी है। इससे पहले जयमूर्ति देवी 2006 में अपने गांव से वार्ड सदस्य का चुनाव जीतकर पलुहारा पंचायत की उप मुखिया बनी थीं।
संवाद सूत्र, गुरुआ (गया)। जिले के गुरुआ प्रखंड क्षेत्र की सुरक्षित सीट पलुहारा पंचायत से बुधुआचक गांव के कमलेश कुमार मंडल की पत्नी जयमूर्ति देवी पहली बार मुखिया बनी है। इससे पहले जयमूर्ति देवी 2006 में अपने गांव से वार्ड सदस्य का चुनाव जीतकर पलुहारा पंचायत की उप मुखिया बनी थीं। उसके बाद से दंपती पंचायत की राजनीति में सक्रिय होकर काम कर रहे थे। 2016 के पंचायत चुनाव में मुखिया पद के लिए किस्मत आजमाया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। मामूली मतों से हार का सामना करना पड़ा था। फिर भी हार नहीं मानी, लगातार संघर्ष करते रहे। इसका परिणाम हुआ की जयमूर्ति देवी स्वच्छ छवि और ईमानदारी की बदौलत 2021 के पंचायत चुनाव में पलुहरा पंचायत से मुखिया पद विजयी हुईं। इसके बाद भी जयमूर्ति देवी अभी अपने घरेलू कार्य में लगी रहती हैं। सुबह-शाम जलावन पर परिवार के लिए भोजन बनाती हैं।
नवनिर्वाचित मुखिया ने बताया कि मेरी मायका गुरारु प्रखंड के कनौसी पंचायत के केरकी गांव में है। अष्टम कक्षा में पढ़ाई के दौरान 1990 में पलुहारा पंचायत के बुधुआचक गांव के कमलेश कुमार मंडल के साथ विवाह हुआ था। उसके बाद से ससुराल में हैं, लेकिन 1992 में गुरारू के समता हाईस्कूल से मैट्रिक परीक्षा देने के लिए सेंटअप हुआ था। मैट्रिक परीक्षा के दौरान तत्कालीन जिला पदाधिकारी राजबाला वर्मा ने चोरी करने के क्रम में पकड़ा था और परीक्षा देने से वंचित कर दिया था। उसके बाद से ग्रामीण जिंदगी में सक्रिय रहकर जीवन गुजार रही हूं।
फिलहाल उनकी एक बेटी और दो पुत्र हैं। इनके पति भी नॉन मैट्रिक हैं। कमलेश काफी दिनों से राजनीति में सक्रिय थे। इस कारण पलुहारा पंचायत की जनता ने जयमूर्ति देवी को मुखिया बना दिया। मुखिया ने बताया कि पुरुष व महिला मतदाताओं ने मुझे दायित्व सौंपा है, उसे ईमानदारीपूर्वक निभाएंगे। उन्हें मुखिया के दायित्व के बारे पता नहीं है, लेकिन वे अपने पति के सहारे सारे कार्य करेंंगी।