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वृद्धावस्था की बीमारियों का आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज संभव

शहर के जीबी रोड स्थित सेवा सदन कैंपस में साक्षी आयुर्वेद क्लिनिक द्वारा निश्शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 12:27 AM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 12:27 AM (IST)
वृद्धावस्था की बीमारियों का आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज संभव
वृद्धावस्था की बीमारियों का आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज संभव

पेज-4 फोटो 5

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जागरण संवाददाता, गया : शहर के जीबी रोड स्थित सेवा सदन कैंपस में साक्षी आयुर्वेद क्लिनिक द्वारा सोमवार को निश्शुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। कानपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थी डॉ. अजय कुमार एमडी (आयुर्वेद) ने शिविर में आए मरीजों से कहा कि आयुर्वेदिक पद्धति से वात प्रकोप का शमन कर वात जन्य कष्टों यथा सर्वाइकल, स्पॉन्डिलाइटिस, जोड़ों का दर्द, नस संबंधित बीमारियां, लकवा, गठिया एवं वात तथा कंधे का दर्द आदि तमाम व्याधियों को दूर किया जा सकता है। इन रोगों को दूर करने की औषधि आयुर्वेद में भी उपलब्ध है। जटिल तथा नए पुराने रोगों पर विशेष रूप से आयुर्वेदिक औषधियां बराबर लाभ करता है। विशेषकर वृद्धावस्था में मरीजों को होने वाली परेशानी को लेकर आयोजित शिविर में कई मरीजों के विभिन्न रोगों की जांच की। डॉ. अजय कुमार ने कहा कि आयुर्वेद के मतानुसार यौवन चिर स्थायी नहीं रहता। जीवनकाल में वृद्धावस्था का आना तय है। वात कुपित होने से शरीर में कई प्रकार के रोग और कष्ट पैदा होते हैं। इस अवस्था में कंपवात, पक्षाघात, मस्तिष्कगत, रक्तस्राव से उत्पन्न पक्षाघात, मलबद्धता एवं उदरशूल आदि की समस्या हो सकती है। ज्वाइंट पेन (संधियों) में कट कट की आवाज एवं सूजन की समस्या भी संभव है। मन्याकशेरूगत वात से उत्पन्न मन्याशूल एवं मन्यास्तंभ की समस्या से ग्रसित मरीजों की जांच की गई। मरीजों को मुफ्त में दवा भी दी गई।


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