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राशि गबन करने वाले जनप्रतिनिधि व अधिकारी पर दर्ज कराए प्राथमिकी

मगध प्रमंडल आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने शनिवार को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Jun 2017 09:36 PM (IST)Updated: Sat, 03 Jun 2017 09:36 PM (IST)
राशि गबन करने वाले जनप्रतिनिधि व अधिकारी पर दर्ज कराए प्राथमिकी
राशि गबन करने वाले जनप्रतिनिधि व अधिकारी पर दर्ज कराए प्राथमिकी

गया। मगध प्रमंडल आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने शनिवार को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपीलीय प्राधिकार के रूप में 25 मामलों की सुनवाई की। इसमें 11 मामलों का निष्पादन किया। आयुक्त ने लोक शिकायत प्रशाखा के कर्मियों को निर्देश दिया कि परिवादी एवं लोक प्राधिकारी को पत्र, मेल के साथ-साथ एक दिन पूर्व निश्चित रूप से सुनवाई की तिथि की जानकारी एसएसएस एवं मोबाइल से दें। बैकलॉग मामले को एक सप्ताह के अंदर प्रतिदिन 20-20 की संख्या में सुनवाई की तिथि निर्धारित करते हुए नियमित करें।

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आयुक्त ने गबन के दो मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है। धनेश्वर शर्मा उर्फ बुधन शर्मा के परिवाद की सुनवाई में परिवादी ने कहा कि चिरी पंचायत मखदुमपुर जहानाबाद में पंचायत सचिव एवं मुखिया द्वारा तीन वर्ष पूर्व दो लाख की सामग्री क्रय में गबन के मामले में कार्रवाई नहीं होने की बात कहते हुए कार्रवाई की मांग आयुक्त से की। आयुक्त ने उल्हासपुर एवं मखदुमपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी से पूछा कि क्या गबन हुआ है। यदि गबन का मामला है, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। बीडीओ के उत्तर से संतुष्ट नहीं होने पर आयुक्त उन्हें लिखित मांगा कि गबन का मामला है, या नहीं? प्रतिवेदन के आधार पर आयुक्त ने आदेश दिया कि इस मामले में सभी दोषी व्यक्तियों जैसे मुखिया, पंचायत सचिव एवं अन्य के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने तथा सरकारी कर्मियों के मामले में साथ-साथ अनुशासनिक कार्रवाई आरंभ करने का निर्देश दिया। उसी परिवादी द्वारा उसी पंचायत में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में धोखाघड़ी एवं गबन करते हुए बिना पुत्री के विवाह के राशि के बंदरबांट की जानकारी देते हुए दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की। दिग्विजय पासवान एवं दिग्विजय प्रसाद एक ही व्यक्ति है, जिनकी पुत्री नहीं है। जांच में यह बात प्रकाश में आई है कि पूर्व मुखिया द्वारा जानबूझ कर पैसे लेकर कन्या विवाह योजना की राशि का लाभ दिया गया। आयुक्त ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से पूछा कि उक्त पूर्व मुखिया द्वारा एक व्यक्ति का दो अलग-अलग पंजीयन कर योजना का लाभ दिया गया है, तो उक्त मुखिया के विरूद्ध अब तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई। आयुक्त ने गबन का मामला मानते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश दिया कि दोषी मुखिया के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए अपीलकत्र्ता के कथन की समीक्षा कर सभी दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई कर अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करे।

जाति और आवासीय प्रमाण पत्र का एसडीओ करें जांच

उमेश कुमार मंडल ने आयुक्त से कहा कि टोला स्वयं सेवक के पद पर योग्य रहने के बाद भी दूसरे व्यक्ति को बहाल कर दिया गया है, तो पोषक क्षेत्र का नहीं है, ना हीं जाति बाहुल्यता में है। गलत जाति एवं आवासीय प्रमाण पत्र के आधार पर मिलीभगत से टोला स्वयं सेवक के पद पर नियुक्ति हुई है। डीपीओ साक्षरता द्वारा इस संबंध में बताया गया कि सीओ मानपुर द्वारा निर्गत जाति एंव आवासीय प्रमाण पत्र के आधार पर चयन किया गया है। परिवादी द्वारा दावा किया गया कि सीओ द्वारा गलत प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है, के संदर्भ में आयुक्त ने सदर अनुमंडल पदाधिकारी गया को आदेश दिया कि परिवादी के आरोपों के आधार पर जांच करें। यदि प्रमाण पत्र गलत पाया जाता है, संबंधित पदाधिकारी के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करें।

इंडिया पावर को बिजली कनेक्शन लगाने का निर्देश

गया नगर क्षेत्र के अरुण कुमार ने आयुक्त को बताया कि भीषण गर्मी में आवेदन देने के बाद भी इंडिया पावर द्वारा बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया है। इंडिया पावर के अधिकारियों ने प्रतिवाद करते हुए कहा कि परिवादी के घर बिजली कनेक्शन हेतु कंपनी के व्यय पर पोल तार आदि गिराए गए हैं। लेकिन स्थानीय एवं आपसी विवाद के कारण परिवादी के घर कनेक्शन हेतु पॉल गाड़ने नहीं दिया जा रहा है। इस पर आयुक्त ने कहा कि यदि बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दिया गया है, तो हर हाल में कनेक्शन देना इंडिया पावर का दायित्व है। यदि इस कार्य में जो भी बाधा डाल रहे हैं, उनके विरूद्ध सीधे कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने इंडिया पावर एवं नगर निगम के सिटी मैनेजर को आदेश दिया कि 12 जून को स्वयं उपस्थित होकर बिजली का कनेक्शन लगाना सुनिश्चित करेंगे।

दो कल्याण पदाधिकारी से स्पष्टीकरण

नवादा के बच्चू चौधरी ने कहा कि जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा छात्रवृति की राशि भुगतान नहीं किया जा रहा है। नाजायज राशि की मांग की जा रही है। आयुक्त ने सुनवाई के दौरान अनुपस्थिति पर जिला कल्याण पदाधिकारी नवादा से स्पष्टीकरण पूछते हुए अगली तिथि को उपस्थित रहने का निर्देश दिया। एक मामले में जिला कल्याण पदाधिकारी गया की से स्पष्टीकरण पूछा गया है।


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