दहेज प्रथा पर निर्मित फिल्म कस्तूरी का हुआ स्क्रीनिंग
जागरण संवाददाता, गया : दहेज प्रथा पर निर्मित फिल्म कस्तूरी का मंगलवार को एपीआर में शिक्षा, ि
जागरण संवाददाता, गया : दहेज प्रथा पर निर्मित फिल्म कस्तूरी का मंगलवार को एपीआर में शिक्षा, विधि व कल्याण विभाग के मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने फीता काटकर शुभारंभ किया। फिल्म में नायिका यूपीएससी की तैयारी करने वाली छात्रा है। वो परीक्षा देकर घर लौटती है। पूर्व से शादी की बात चल रही थी। लड़के वाले शादी का रिश्ता लेकर उसके घर आते हैं। लड़की लड़केवालों के समक्ष जाने को तैयार नहीं होती है। लेकिन, लड़की का भाई जबरदस्ती लड़के वालों के सामने उसे चाय लेकर भेज देता है। शादी के समय वर (लड़का) सब इंस्पेक्टर के पोस्ट पर रहता है। दहेज के लिए लड़की के पिता से बात होती है। दहेज की रकम 8 लाख से होते-होते 6 लाख रुपये में तय होती है। लेकिन शादी के समय लड़के का पिता बताता है कि आज उसके बेटा का इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन हो गया है। इसलिए दहेज की रकम 8 लाख रुपये और एक चार पहिया वाहन देनी होगी। लड़की का बाप रोने लगता है, लेकिन लड़के वाले उसकी एक नहीं सुनते हें। लड़की का पिता अपना सारी संपति बेचकर कुछ पैसे जमा करके लड़के के पिता को 7 लाख रुपये दे देता है। लेकिन दहेज की रकम एक लाख कम रह जाने और गाड़ी नहीं मिलने के कारण लड़का अपने घर में लड़की की पिटाई करता रहता है। उसे घर में बंद कर देता है। लड़की के पिता तालाब में कूदकर आत्महत्या कर लेता है। उधर, ससुराल में लड़की कस्तूरी की हत्या कर दिया जाता है। अंत में पोस्टमैन आकर बताता है कि कस्तूरी का आईएएस में चयन हो गया है। फिल्म का उद्देश्य लड़की की काबिलियत पर भरोसा न करना, उसकी शादी ही अंतिम लक्ष्य समझना जैसी पारंपरिक घटिया सोच को दिखलाना है। फिल्म के प्रोड्यूसर व लेखक मेहंदी हसन ने बताया कि निदेशक शिवम शंकर, अभिनेत्री काजल सिंह, अभिनेता सफक बिन शमीम, कलाकार शकीला बेगम, असफाक अहमद की सहायता से फिल्म का निर्माण हुआ है। मौके पर डीएम अभिषेक सिंह, जदयू के युवा प्रदेश महासचिव चंदन कुमार यादव व अन्य मौजूद थे।