चिट्ठियों व संचिकाओं का निष्पादन सबसे जरूरी
कार्यालयों में आने वाली चिट्ठियों और संचिकाओं का संज्ञान लेते हुए इसका त्वरित निष्पादन करना चाहिए। यह बात डीएम ने प्रशिक्षु आइएएस से कहीं।
गया । कार्यालयों में आने वाली चिट्ठियों और संचिकाओं का संज्ञान लेते हुए इसका त्वरित निष्पादन किया जाना चाहिए। यह अति महत्वपूर्ण है। ये जनहित से जुड़े मुद्दे होते हैं। प्रशासनिक कार्यो के संचालन में इसकी अहमियत को समझ लेना चाहिए।
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने मंगलवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को यह पाठ पढ़ाया। उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहा कि किसी भी जगह के सामाजिक-सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिवेश की भी पूरी जानकारी रखनी चाहिए। प्रशिक्षु अधिकारियों के 18 सदस्यीय दल में रोहित सिंह, अनुभव सिंह, सत्य प्रसाद, हिमाशु कौशिक, नवीन कुमार चंद्रा, भार्गव तेजा, दिग्विजय बोडके, जामिल फातेमा जेबा, राहुल शिदे, आकाक्षा वर्मा, कोया हर्षा, आदर्श सुरभि, अभिषेक शर्मा, ऋ तुराज, पूर्णा बोरा, हसरत जासमीन एवं अभिलाषा अभिनव शामिल थे।
जिलाधिकारी ने सभी को विष्णुपद, बोधगया, जामा मस्जिद एवं बिहार के अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को देखने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यहां जीटी रोड के साथ-साथ रेलवे यातायात की बेहतर सुविधा है। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय, बोधगया और दक्षिणी केंद्रीय विश्वविद्यालय, टिकारी के बारे में भी बताया। गहलौर घाटी और नालंदा विश्वविद्यालय को देखने का भी सुझाव दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि यहा सालों भर विशिष्ट अतिथियों का आगमन होता रहता है। विधि व्यवस्था में कोई चूक न हो, इसका विशेष ध्यान रखना पड़ता है। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी बताया। जीविका दीदियों के समूह के बारे में बताया कि बिहार में वे किस तरह महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे आपका प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम की भी जानकारी दी, जो लोगों को प्रशासन से सीधे जोड़ता है। उन्होंने बताया कि जिले में अनुसूचित जाति-जनजाति की बड़ी तादाद है। उनके स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा आदि के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस मौके पर प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी योगेश सागर, अपर समाहर्ता विभागीय जाच, मो. बलागउद्दीन, उप विकास आयुक्तकिशोरी चौधरी, निदेशक डीआरडी संतोष कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी आदि भी मौजूद थे।