गया में अब भी कायम है माओवादियों का डर, बंदी के दूसरे दिन भी दिखा बंद का असर, नहीं चली बसें
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी द्वारा कथित दो दिवसीय बंद का दूसरे दिन गुरूवार को भी असर देखा गया। शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र के सड़कों पर सरपट दौड़ने वाली वाहनों का आवाजाही नहीं हुई। जरूरतमंद वाहनों की खोज में छटपटाते रहे।
संवाद सहयोगी, शेरघाटी (गया)। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी द्वारा कथित दो दिवसीय बंद का दूसरे दिन गुरूवार को भी असर देखा गया। शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र के सड़कों पर सरपट दौड़ने वाली वाहनों का आवाजाही नहीं हुई। नक्सल प्रभावित इमामगंज, डुमरिया, बांके बाजार, गुरुआ आदि क्षेत्रों से ऑटो, ई रिक्शा भी नहीं चल सकी। शेरघाटी बस स्टैंड में सन्नाटा पसरा रहा। जरूरतमंद वाहनों की खोज में छटपटाते रहे।
बस पड़ाव शेरघाटी में डुमरिया,इमामगंज, कोठी, रानीगंज, गुरुआ आदि से पहुंचने वाली बसें नहीं लगी। बस पड़ाव में फल, सत्तू, अमझोरा पिलाने वाले ठेला दुकानदार ही दिखे। सन्नाटा छाया रहा। बस पड़ाव के दुकानदार संजीव कुमार, आदित्य प्रसाद गुप्ता, विजय आनंद आदि ने बताया कि औरंगाबाद से गया, रांची, दिल्ली, पटना आदि लंबी दूरी चलने वाली बस चलती रही। उक्त बसों का पार्किंग जीटी रोड पर ही हुआ।
बस पड़ाव में सन्नाटा पसरा रहा है। बंद का आंसर बाजार पर भी दिखा। उल्लेखनीय हो कि 16 मार्च को अति नक्सल प्रभावित डुमरिया प्रखंड के मौनवार जंगल में पुलिस और माओवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में चार नक्सली मार गिराए गए थे। जिसमें अमरेश सिंह भोक्ता उर्फ टुनटुन भोक्ता जोनल कमांडर बांके बाजार कोठिलवा निवासी ,शिव पूजन सब जोनल कमांडर ग्राम कर्मा तेंदुई औरंगाबाद, सीता भुइयां उर्फ जोगिंदर जोनल कमांडर ग्राम करम डीह औरंगाबाद निवासी एवं उदय पासवान ग्राम राजपुर औरंगाबाद निवासी मारा गया था। बताते चलें कि सीआरपीएफ और कोबरा जवानों को कोकना मजहरी जंगल व आस-पास के गांव में नक्सलियों के जमा होने की सूचना मिली थी। जिसके आधार पर सीआरपीएफ एवं कोबरा बटालियन मजहरी जंगल को चारों ओर से नाकाबंदी कर नक्सलियों के विरुद्ध सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
सर्च ऑपरेशन के दौरान ही नक्सलियों ने कोबरा बटालियन को देखते फायरिंग शुरू की, जिसके बाद कोबरा एवं सीआरपीएफ के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए ताबड़तोड़ नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाया जिसमें भागने के क्रम में पुलिस की गोली से 4 नक्सली मारे गए थे। इस घटना से आक्रोशित होकर माओवादियों ने इमामगंज डुमरिया क्षेत्र में पोस्टर चिपकाकर 24 एवं 25 मार्च को बिहार बंद का ऐलान किया है। जिसके कारण डुमरिया, बांके बाजार, इमामगंज आदि क्षेत्रों की दुकानें से लेकर सरकारी एवम् गैर सरकारी प्रतिष्ठान बंद रहे। मुख्यालय में स्थानीय दुकानों पर प्रभाव पड़ा है। बाजार पूर्णता नहीं खुला। बंद के मामले में पूछे जाने पर डीएसपी प्रवेंद्र भारती ने कहा कि बंद से निपटने के लिए सभी चिन्हित स्थानों पर पुलिस गश्त कर रही है।