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Farming in Sasaram: विश्व मृदा दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यक्रम का हुआ आयोजन

बिक्रमगंज कृषि विज्ञान केंद्र में विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर लगभग 100 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान आर के जलज ने किसानों को पराली नहीं जलाने का आह्वान किया।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 04:22 PM (IST)
Farming in Sasaram: विश्व मृदा दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यक्रम का हुआ आयोजन
किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देते कृषि वैज्ञानिक। जागरण।

सासाराम, जेएनएन। बिक्रमगंज कृषि विज्ञान केंद्र में विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर लगभग 100 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान आर के जलज ने किसानों को पराली नहीं जलाने का आह्वान किया और कहा कि मृदा मां होती है उसके स्वास्थ्य का ख्याल रखना हमसबों का दायित्व है।

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खेतों में पराली जलाने से पर्यावरण के साथ मिट्टी की गुणवत्ता पर भी पड़ता असर

किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग कर उसके अनुसार खाद देने की बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने हैप्पी सीडर सुपर सीडर चलाने तथा किसानों को स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार खाद देने की सलाह दी। इस अवसर पर भी वनस्पति अनुसंधान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉक्टर के के प्रसाद सर ने किसानों को फसल चक्र मिट्टी सघनता मिट्टी को पलटने एवं मिट्टी की उर्वरता को ध्यान में रखकर समय-समय पर खेती करने की सलाह दी। उन्होंने क्रॉप कैलेंडर बनाकर के किसानों को खेती करने के बारे में जानकारी दिया।

मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्‍वों के बारे में दी गई जानकारी

सिंचाई अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ एम के द्विवेदी ने किसानों को मिट्टी के स्वास्थ्य एवं मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्व के लाभ और उसके कमी से होने वाली बीमारियां या पौधा पर प्रभाव के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उद्यान वैज्ञानिक रतन कुमार ने मृदा स्वास्थ्य में फल एवं सब्जी के पौधों के लिए  जैविक खेती पर बल दिया। इस अवसर पर किसान इंदु राय, भिखारी राय ,धनंजय जी ने अपने विचार व्यक्त किए तथा विभिन्न एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से आए हुए छात्र एवं छात्राओं ने मृदा स्वास्थ्य के बारे में 5 महीनों के अनुभवों  को साझा किया। विशेषज्ञों ने किसानों से कहा कि वे किसी भी कीमत पर पराली को न जलाएं, इससे पोषक तत्‍वों को नुकसान पहुंचता है।


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