समय पर बारिश होने से किसान खुश; सबसे अधिक नवीनगर एवं ओबरा के कृषक जागरूक, ऐसे लहलहाएगी फसल
बारिश होने से किसान खुश हैं। किसान खेतों में धान का बिचड़ा डालने में व्यस्त हैं। जिले में कृषि विभाग ने 155000 हेक्टेयर भूमि में धान रोपनी का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए किसानों को 15500 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा डालना होगा।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। बारिश होने से किसान खुश हैं। किसान खेतों में धान का बिचड़ा डालने में व्यस्त हैं। जिले में कृषि विभाग ने 1,55,000 हेक्टेयर भूमि में धान रोपनी का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए किसानों को 15,500 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा डालना होगा। किसानों ने अब तक 7,238 हेक्टेयर भूमि में धान का बिचड़ा लगाया है। यानि की लक्ष्य का 46.70 प्रतिशत। स्थिति यही रही तो किसान समय से धान का बिचड़ा खेतों में डाल सकेंगे।
बिचड़ा डालने के मामले में जिले के नवीनगर एवं ओबरा के किसान जागरूक हैं। सबसे अधिक नवीनगर में 1046 एवं ओबरा में 1012 हेक्टेयर खेतों में किसानों ने धान का बिचड़ा डाला है। बिचड़ा लगाने के मामले में मदनपुर के किसान सबसे पीछे हैं। यहां मात्र 288 हेकटेयर में किसानों ने अब तक धान का बिचड़ा डाला है। कृषि विज्ञान केंद्र सिरिस के वैज्ञानिक डा. नित्यानंद ने बताया कि 25 मई से बिचड़ा डालने का समय प्रारंभ होता है। किसान पांच जुलाई तक धान का बिचड़ा डाल सकेंगे।
किस प्रखंड में खेतों में कितना डाला गया बिचड़ा
प्रखंड का नाम - लक्ष्य (हेक्टेयर में) -उपलब्धि (हेक्टेयर में)
- ओबरा - 1,900 - 1,012
- दाउदनगर - 1,200 - 640
- हसुपरा - 900 - 493
- गोह -1,500 -614
- रफीगंज -1,300 -420
- मदनपुर -900 -288
- देव -900 - 310
- कुटुंबा -1,500 -680
- नवीनगर -2,300 - 1,046
- बारुण - 1,700 - 892
- औरंगाबाद - 1,400- 842
समय से बिचड़ा डालें किसान : डा. नित्यानंद
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. नित्यानंद ने किसानों से आग्रह किया है कि समय पर खेतों में धान का बिचड़ा डालें। 130 से 140 दिनों के वैरायिटी वाले धान का बिचड़ा डालने का समय खत्म हो गया। किसान अब अपनी खेतों में 110 से 120 दिनों वैरायिटी वाली धान का बिचड़ा डालें ताकि उपज बेहतर हो सके। समय पर बारिश होने का लाभ किसानों को मिलेगा।
जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने कहा कि किसान खेतों में धान का बिचड़ा लगा रहे हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों को थोड़ी परेशानी आई है। समय रहते हम बिचड़ा का लक्ष्य हासिल कर लेंगे। प्रखंड से लेकर पंचायत तक कृषि विभाग के अधिकारी एवं सलाहकार किसानों को जागरूक करने में लगे हैं। हम लक्ष्य के आधे तक पहुंच गए हैं।