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राणापुर गांव में आठ आहर, सभी के अस्तित्व खतरे में

गाव की पाती -सड़क नहीं होने से बरसात के दिनों में ज्यादा परेशानी एक कमरे में होती है पाच कक्षाओं की पढ़ाई ------- अनदेखी -गाव में सरकारी अस्पताल नहीं जाना पड़ता है 10 किलोमीटर दूर गुरारू बाजार -किसान क्रेडिट कार्ड का नहीं मिल रहा लाभ परेशान हैं किसान --------- -1966 के बाद कभी नहीं हुई आहरों की उड़ाही -25 वर्ष पहले शुरू हुआ सामुदायिक भवन का निर्माण अधूरा ---------- संवाद सूत्र गुरारू

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 09:52 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:10 AM (IST)
राणापुर गांव में आठ आहर, सभी के अस्तित्व खतरे में
राणापुर गांव में आठ आहर, सभी के अस्तित्व खतरे में

गया। प्रखंड के डीहा पंचायत में स्थित राणापुर गाव कभी खेतों के पटवन के लिए किसी का मोहताज नहीं था। पर आज स्थिति यह है कि गाव के आठ आहर में से अधिकाश का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। एक दो बचा हुआ है भी तो उसका स्वरूप बदल कर छोटे पोखर के समान हो गया है। हाल यह है कि वर्ष 1966 के बाद आज तक उन आहरों पर कभी मिट्टी नहीं पड़ी है और ना ही कभी आहर की उड़ाही ही की गई है। इससे कई आहर अब खेत में बदल चुके हैं। गाव वालों को अफसोस है कि मनरेगा योजना के तहत आहर की उड़ाही आस-पास के गाव में हुई पर यहा सरकार का ध्यान नहीं गया ।

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गाव में करीब 25 वर्ष पूर्व सामुदायिक भवन का निर्माण हुआ, जो अब जर्जर हो चुका है। लेकिन इसका कार्य पूरा नहीं हो पाया है । सामुदायिक भवन के फर्श का पक्कीकरण, दीवारों का प्लास्टर व खिड़कियों व गेट में दरवाजे लगाने का कार्य आज तक नहीं हुआ है। ग्रामीण बताते हैं कि क्षेत्रीय विधायक राजीव नंदन दागी को गाव वालों ने सामुदायिक भवन दिखाया था। उन्होंने इसे निर्मित कराने का आश्वासन भी दिया था। पर जब गए तो मुड़ कर वापस देखने तक नहीं आए।

गाव में एक प्राथमिक विद्यालय है । विद्यालय भवन मात्र दो कमरों का है । जिसमें से एक कमरा ऑफिस संचालन के साथ एमडीएम योजना का बर्तन चावल आदि रखने के काम में आता है। केवल एक कमरे में पांच कक्षाओं के बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाई कराई जाती है, जो मात्र खानापूर्ति प्रतीत है।

गाव में मुख्य सड़क से प्रवेश करने के बाद गाव के अंदर की पूरी गली कच्ची मिट्टी की है। जिस कारण बरसात के दिनों में गाव के अंदर आने-जाने में लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि सात निश्चय योजना से ईट सोलिंग का काम गाव में होना है। लेकिन उससे पहले सड़क पर अच्छी तरह से मिट्टी की भराई कर उसकी लेवलिंग होना चाहिए। ताकि ईट सोलिंग लगने के बाद सड़क धंसे नहीं ।

गाव में सरकारी अस्पताल नहीं है। जिस कारण छोटी मोटी बीमारी होने पर भी रोगी को 10 किलोमीटर दूर गुरारू बाजार ले जाना पड़ता है। रोगी को ले जाने के लिए ऑटो रिजर्व कर गाव में लाना पड़ता है। बैंक से पैसा निकालने और जमा करने के लिए भी 10 किलोमीटर दूर गुरारू बाजार जाना पड़ता है ।

गाव के किसानों को खेती करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण नहीं मिलने का मलाल है। यहा के किसान बैंक द्वारा काफी दौड़ाए जाने से परेशान होकर खेती के लिए ऋण लेने का विचार त्याग चुके हैं ।

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मैं आइटीआइ व स्नातक पास हूं । 2013 में यूपी पुलिस और 2014 में रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा दी । चयन भी हुआ। बाद में मेरिट नहीं बना। मेरी आर्थिक स्थिति खराब रहने के कारण मैं पारिवारिक बोझ को संभालने के लिए खेती में जुट गया। सरकार को चाहिए कि गाव में पढ़ने के लिए युवाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए।

विकास यादव

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गाव के स्कूल में केवल दो कमरे हैं। एक कमरा में ऑफिस बना हुआ है। एक ही कमरा में पाच कक्षा के बच्चों को मास्टर साहब बैठा देते हैं । जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। स्कूल में और कमरा सरकार बनाए ।

रामचंद्र पासवान

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गाव में सरकारी अस्पताल खोला जाए। गाव के किसी भी व्यक्ति को छोटी सी बीमारी होने पर भी 10 किलोमीटर दूर गुरारू ले जाना पड़ता है। इसके लिए ऑटो रिजर्व करना पड़ता है ।

विजय यादव

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गाव के अंदर केवल मिट्टी का गेड़ा है। इसी पर से हम लोग आते जाते हैं। बरसात होने पर घर से मेन रोड तक जाने में परेशानी होती है। यह सड़क बनना बेहद जरूरी है। इसमें अच्छा से मिट्टी भरकर इसे बनाई जानी चाहिए ।

दुर्विजय यादव

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गाव में आठ आहर हैं। 1966 के बाद कभी भी इन आहर पर मिट्टी नहीं पड़ी है जिसके कारण सात आहर समाप्त हो गया है और एक आहर पोखर में बदल गया है। आहर में मिट्टी भर जाने से खेत की तरह समतल हो गया है। हम सरकार से चाहते हैं कि सभी आहरों की सफाई कराई जाए ताकि हम किसानों को खेत पटाने में दिक्कत नहीं रहे।

सरयू यादव

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गाव में नल जल योजना का कार्य शुरू हो रहा है। पेयजल की समस्या नहीं रहेगी। ईट सोलिंग भी कराया जाएगा। गाव के विकास के लिए जितनी राशि चाहिए। सरकार द्वारा वार्ड सदस्य के फंड में उतना पैसा नहीं दिया जा रहा है। मेरी माग है कि सरकार गाव के विकास के लिए वार्ड सदस्य के कोटा की राशि को बढ़ाएं ।

रिंकी देवी, वार्ड छह के सदस्य

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गाव में विकास का कार्य जारी है । सासद व विधायक कभी गाव की तरफ ध्यान नहीं देते हैं। केवल ग्राम पंचायत के भरोसे गाव को छोड़ देने से विकास के मामले में गाव पिछड़ता जा रहा है। मैंने गाव को प्रधानमंत्री सड़क योजना से जोड़ने में काफी मेहनत की थी ।

मुरली मनोहर जोशी


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