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पहले पाई-पाई को रहती थी मोहताज, अब घर भी चला रहीं रोहतास की ये महिलाएं, ऐसे आया बदलाव

रोहतास के पहाड़ी क्षेत्र में वन विभाग की नर्सरी में आसपास की महिलाएं काम करती हैं। इससे इन्‍हें प्रतिदिन तीन सौ रुपये की आमदनी हो जाती है। इससे महिलाओं का जीवन स्‍तर बदल रहा है। परिवार की स्थिति संवर रही है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 10:19 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 10:19 AM (IST)
पहले पाई-पाई को रहती थी मोहताज, अब घर भी चला रहीं रोहतास की ये महिलाएं, ऐसे आया बदलाव
वन विभाग की नर्सरी में काम करतीं महिलाएं। जागरण

सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। ग्रामीण महिलाएं भी घर की चौखट को लांघ अपनी तकदीर संवारने में जुट गई हैं। जिले में हरियाली लौटाने के कार्य में जुटी ये महिलाएं घर में खुशहाली ला रही हैं। इसमें इनका सहयोग वन विभाग भी दे रहा है। अमझोर, चेनारी, नौहट्टा समेत अलग अलग नर्सरियों में लगभग पांच सौ से अधिक की संख्या में ग्रामीण महिलाएं दिहाड़ी मजदूर का काम कर रही हैं। ये महिलाएं हर रोज अपने घर का चूल्हा चौका करने के बाद नर्सरी में छह घंटे काम करती  है। इस दौरान इन्हें इस काम के लिए प्रतिदिन तीन सौ रुपये मिलते है।

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पहले पाई-पाई को रहती रहती थी मोहताज

अमझोर की नर्सरी में काम कर रहीं पार्वती कहती हैं कि पहले हमें एक-एक पैसे के लिए घर वालों के सामने हाथ फैलाना पड़ता था। लेकिन अब खुद की कमाई से खर्च कर सकती है। कई महिलाएं बच्चों की पढ़ाई का बोझ भी उठा रही हैं। पार्वती के साथ काम कर रही आरती देवी बताती हैं कि वह पहले यहां पर अकेले काम करने आती थी। लेकिन अब उनके साथ उनकी ननद प्रियंका भी काम करती हैं। काम में थकान व बोझ न हो इसके लिए थोड़ी बहुत हंसी-ठिठोली भी कर लेती हैं। जिससे दिन भर काम का तनाव भी महसूस नहीं होता है।

पहाड़ी महिलाओं को नर्सरी में साल भर मिलता है काम  

चेनारी और रोहतास के रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर हेमचंद मिश्रा बताते हैं कि अमझोर, चेनारी व नौहट्टा के नर्सरी में लगभग पांच लाख पौधे लगे हैं। यहां पर सैकड़ों पहाड़ी महिलाएं काम करने आती हैं। वन विभाग उन्हें स्वावलंबी बनाने में काफी सहयोग कर रहा है। विभाग की नर्सरी में इन्हें सालों भर काम मिल जाता है। कार्यस्थल पर उनकी सुविधा के सभी साधन उपलब्ध कराने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है।

और अधिक लोगों को मिल सकेगा रोजगार 

वहीं डीएफओ प्रद्युम्‍न गौरव बताते हैं कि वन्य आश्रयणी क्षेत्रों में राज्य सरकार की मिशन पांच करोड़ योजना के तहत पौधारोपण की तैयारी तेज कर दी गई है। इस वर्ष पौधारोपण के दौरान वन विभाग 18 लाख पौधे लगा रहा है। इन्‍हें लगाने की तैयारी विभागीय अधिकारियों ने शुरू कर दी है। जिले के नौ स्थाई पौधशाला में पौधारोपण शुरू होने तक 18 लाख पौधे तैयार हो जाएंगे। सरकार की इस योजना से और अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा।


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