शेरघाटी के कई इलाकों में गहराने लगा पेयजल संकट
तापमान बढ़ने के साथ शेरघाटी में जलसंकट गहराने लगा है। अनुमंडल मुख्यालय से दक्षिण पहाडी।
गया। तापमान बढ़ने के साथ शेरघाटी में जलसंकट गहराने लगा है। अनुमंडल मुख्यालय से दक्षिण पहाडी तलहट्टी में बसे गाव भुजौल, झौर, समदा, रानीचक, लेम्बोइया, सलइया आदि गावों में लगे चापाकल का जलस्तर तेजी से नीचे जाने लगा है। कुछ चापाकल पानी उगलना बंद कर दिया है। भूजौल गाव के तिलेश्वर माझी और दीपक पासवान बताते हैं कि पहले 50 से 60 फीट बोरिग कराने पर चापाकल से पानी आते रहता था। अब तो 110 फीट हीरा बोरिंग के बाद भी पानी नहीं उगल रहा। नल जल योजना हाथी का दात साबित हो रहा है। जहा लगे हैं उसमें से अधिकाश जगहों पर योजना विफल हो गई है। एक दो स्थानों पर जहा के ग्रामीण खुद रख रखाव का जिम्मा संभाले हैं। वहां नल चल योजना से लोगों को पानी मिल रहा है। शेष जगहों पर बंद है। इंदू डीह में लगाया गया नल फेल हो चुका है। भुजौल में एक प्वाइंट के बाद दूसरे प्वाइंट तक पानी नहीं पहुंचता है।