विश्व शांति के लिए बौद्ध भिक्षुओं की धम्म पदयात्रा निकली
गौरव कुमार, अतरी मोहड़ा प्रखंड क्षेत्र जेठीयन गाव में लगातार तीन वषरें से आयोजित हो रहे है।
गौरव कुमार, अतरी
मोहड़ा प्रखंड क्षेत्र जेठीयन गाव में लगातार तीन वषरें से आयोजित हो रहे बौद्ध भिक्षुओं की धम्मपद यात्रा इस वर्ष भी बुद्धिस्ट रीति रिवाज से गुरुवार को शुरु हुई। इस धम्म पदयात्रा को लेकर गाव की गलियों को सुंदर व आकर्षक रंगोली से सजाया गया था। भगवान बुद्ध के अनुयायी भिक्षाटन कर भोजन की व्यवस्था करते हैं। जेठीयन के राजा पिंडा के प्रसिद्ध गुफा में त्रिमासा बिताने के दौरान जेठियन गाव में ही भगवान बुद्ध और उनके अनुयायी भिक्षाटन के लिए आए थे। इसी परंपरा को यहां निभाने बौद्ध भिक्षु आते हैं। यह आयोजन पिछले चार वर्षो से हो रहा है।
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नमोतस्य भगवतो अरहतो बुधस्य मंत्रोच्चार से गुंजायमान हुआ
यात्रा के पूर्व जेठीयन गाव के गलियों का भम्रण व शिक्षा दीक्षा कार्य के साथ जेठीयन गाव के द्वार पर बौद्ध भिक्षुओं ने भोजन किया। जेठीयन गाव के दुर्गा स्थान के प्रागण में बने मंच पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कई देशों से आए भिक्षुओं का ग्रामीणों ने स्वागत करते हुए उन्हें पुष्प व वस्त्र दिए। भिक्षुओं के नमोतस्य भगवतो अरहतो बुधस्य मंत्रोच्चार से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यहां संचालित नवोदय विद्यालय की छात्राओं ने स्वागीत गान गाकर अतिथियों का स्वागत किया।
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मनुष्य की मनोवृति भी शाति
व सद्भाव में बदल जाती है
कार्यक्रम में 14 देशों से आए बौद्ध भिक्षुओं ने कहा ढाई हजार वर्ष पूर्व इसी मार्ग से होते हुए भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ पदयात्रा पर निकले थे। आज भी पदयात्रा में देखने को मिलता है। जेठीयन गाव की गलियों में आज भी भगवान बुद्ध की आवाज गूंजती है। उनके चले मार्ग पर चलने के वाद हर मनुष्य की मनोवृति भी शाति व सद्भाव में बदल जाती है। 14 किमी की दूरी में पदयात्रा में शामिल 14 देशों बौद्ध भिक्षुओं की लंबी कतार देखते ही बन रही थी।
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देशी विदेशी बौद्ध भिक्षु
थे पदयात्रा में शामिल
इस पदयात्रा में शामिल बौद्ध भिक्षु जेठीयन से धम्मयात्रा शुरु कर राजगीर के वेणुवन तक जाते हैं। इस पद यात्रा में इंडोनेशिया, बर्मा, भूटान, अमेरिका, वियतनाम, मलेशिया, बाग्लादेश, श्रीलंका के अलावा भारत के विभिन्न प्रांतों के बौद्ध भिक्षु शामिल हुए हैं। उनका उदेश्य पूरे विश्व में बुद्ध के शाति संदेश को फैलाने, विश्व मानचित्र पर जेठीयन, ऐर एवं इसके आसपास के गांवों की कृति की प्रचार प्रसार करने, विदेशी पर्यटकों को आकृष्ट करने तथा क्षेत्र मे सुख शाति बहाल करना है।
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ये सभी कार्यक्रम रहे मौजूद
जितेंद्र सिंह, दिनेश सिंह, नवीन सिंह, सुगंध सिंह, टुन्नू सिंह, विनय सिंह के अलावा जेठियन और इसके आसपास के गांव के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ग्रामीण उत्साहित थे। बुद्ध सर्किट से जुड़ने की खुशी में ग्रामीण क्षेत्र को पर्यटन के दृष्टिकोण से और विकसित होने की लालसा रख रहे हैं।