सेवा समाप्त करना न्यायालय के आदेश की अवहेलना
मगध विश्वविद्यालय में संविदा व दैनिक कर्मियों की सेवा समाप्त करने पर विवि मुख्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी ।
गया। मगध विश्वविद्यालय में संविदा व दैनिक कर्मियों की सेवा समाप्त करने पर विवि मुख्यालय शिक्षकेत्तर संघ के महासचिव डॉ. अमरनाथ पाठक ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सेवा समाप्त करना उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश की अवहेलना है। कुलपति ने राजू राम बनाम अन्य द्वारा दायर सीडब्ल्यूजेसी 19353/2017 में न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय ने अंतरिम आदेश दिया था कि इस मामले के निष्पादन तक ऐसे कर्मचारियों को किसी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया जाए। साथ ही वेतन भुगतान जारी रखा जाए।
न्यायालय ने किसी प्रकार का कपटपूर्ण व्यवहार नहीं करने का आदेश देते हुए छह सप्ताह के अंदर विवि को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया था। लेकिन कुलपति ने अंतरिम आदेश के बावजूद कपटपूर्ण अधिसूचना जारी करवाई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह राज्य सरकार व कुलाधिपति सह राज्यपाल के आदेश की भी अवहेलना का मामला है। अब कुलाधिपति से शिकायत करते हुए न्यायालय में अवमानना वाद दायर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेवा समाप्ति के आदेश से 70 कर्मी के साथ-साथ उनके आश्रितों का जीवनयापन प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि विवि में पहले वर्षो से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मियों की सेवा समय-समय पर नियमित किया गया है। उसी आस में वर्षो से लोग दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्य कर रहे थे। जिन्हें सितंबर से सेवा समाप्त मानने का कार्यलय आदेश अचानक जारी किया गया है।