मौत के गड्ढे खोदने वालों पर कार्रवाई का इंतजार कर रहे परिजन
संवाद सूत्र, आमस : प्रखंड के चिताब खुर्द गाव में एक सप्ताह में चार बच्चों की मोरहर नदी में डू
संवाद सूत्र, आमस : प्रखंड के चिताब खुर्द गाव में एक सप्ताह में चार बच्चों की मोरहर नदी में डूबने से मौत होने पर गम का माहौल है। पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है। ग्रामीणों की मानें तो मौत का कारण नदी में बालू के अवैध खनन से बने गड्ढे हैं।
जल में समाई 10 वर्षीय रीभा कुमारी की मा आज भी अपनी बेटी को याद कर घर के दरवाजे पर बैठी दहाड़ मार कर रोने लगती है। पिता का भी हाल असहनीय है। पिता रामजी माझी बेटी की मौत के बाद गम में डूबे हैं। रामजी माझी को तीन बेटे और दो बेटी थी, जिनमें से सबसे बड़ी बेटी रीभा की डूबकर मौत हो गई। रीभा की मा शाति देवी ग्राम कचहरी की न्यायिक पंच हैं। वह कहती हैं, मुझे भगवान से नहीं, चंद रुपये के लिए मौत के गड्ढे बनाने वालों से शिकायत है। ऐसे लोगों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
शाति देवी कहती हैं, उसकी बेटी यह कहकर घर से निकली थी कि मैया खेलने जा रहे हैं। एक घटा भी नहीं हुआ और उसकी मौत की खबर आई। कुछ लोग आए थे और कहने लगे कि आपदा विभाग चार लाख रुपये की मदद देंगे। क्या पैसे से किसी की जिंदगी वापस आ सकती? जब तक मौत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक मुझे शांति नहीं मिलेगी।
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खतरनाक जोन में नहीं
लगा था कोई बोर्ड
बालू खनन के बाद यदि कोई चेतावनी बोर्ड लगा दिया जाता तो आज मासूमों की मौत नहीं होती। ग्रामीण परमेश्वर माझी, महेंद्र माझी, बसंत माझी और भोला माझी ने कहा कि जितनी मौतें हुई हैं, सभी के बालू खनन करने वाले लोग जिम्मेदार हैं। शेरघाटी अनुमंडल पदाधिकारी उपेंद्र पंडित ने बताया कि बच्चों को नदी में डूबने से हुई मौत के मामले की जाच चल रही है।