बुझ गया घर का इकलौता चिराग
संवाद सूत्र, डोभी : मौलानगर के द्वारपाल तालाब में डूबा अरविंद घर का इकलौता चिराग था। दस वर्ष पह
संवाद सूत्र, डोभी : मौलानगर के द्वारपाल तालाब में डूबा अरविंद घर का इकलौता चिराग था। दस वर्ष पहले उसकी मां का निधन हो गया था। पिता शिवव्रत यादव ने बड़े लाड-प्यार से उसे पाला था। हाल ही में उसका कॉलेज में इंटर में पिता ने नामांकन कराया था, लेकिन पिता का पुत्र को उच्च शिक्षा देने का सपना अधूरा रह गया।
जिद कर परिवार को
वापस गांव लाया
इस घटना में दूसरा मृतक आशीष अपने दो भाईयों में छोटा था। नवम वर्ग का छात्र को घर में लोग छोटू के नाम से पुकारा करते थे। उसने अपने मां-बाप से जिद कर कोठवारा से सभी को पांच माह पूर्व गांव लाया था। पिता अनिल प्रसाद बताते हैं कि हिम्मत कर कहते हैं कि उसे मौत वहां पिकनिक मनाने के रूप में ले गई। होनी को यही मंजूर था।
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पत्थर तोड़ने से बने
गड्ढे ने ली दो जान
संवाद सूत्र, डोभी : वर्ष 1983 में मौला नगर में पत्थर तोड़ने से बने गड्ढे ने रविवार को दो बच्चों की जान ले ली। जमीन के अंदर रहे पहाड़ को डायनामाइट लगाकर तोड़ा गया था। उसके बाद से यहां अवैध रूप से पत्थर तोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ और गड्ढे की गहराई बढ़ती गई और वह द्वारपाल तालाब के नाम से जाना जाने लगा। ग्रामीण इसको इसलिए नहीं भरते कि इसमें जमा पानी का उपयोग फसलों की सिंचाई के लिए जरूरत पड़ने पर किया जाता है।
विदित हो कि रविवार को खपिया गांव के पांच युवक मौलानगर स्थित द्वारपाल तालाब के किनारे पिकनिक मनाने गए थे। तालाब की अत्यधिक गहराई होने के कारण दो युवक अरविंद और आशीष की मौत डूबने से हो गई। दो अन्य युवकों को साथ रहे एक अन्य युवक ने गमछे के सहारे बचाने में सफल रहा था।