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बिहार में कुत्ते का जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन, वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड भी दिया; वायरल हुई तस्वीर

बिहार के गया जिले में कुत्ते का जाति प्रमाण पत्र बनवाने का एक अनोखा मामला सामने आया है। जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया गया है जिसके लिए प्रमाण के तौर पर कुत्ते का आधार कार्ड भी प्रस्तुत किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyPublished: Sat, 04 Feb 2023 03:49 PM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 03:49 PM (IST)
बिहार में कुत्ते का जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन, वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड भी दिया; वायरल हुई तस्वीर
बिहार में कुत्ते का जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन, आधार कार्ड भी जमा करवाया; वायरल हुई तस्वीर

गुरारु (गया), जागरण संवाददाता। बिहार के गया जिले में कुत्ते का जाति प्रमाण पत्र बनवाने का एक अनोखा मामला सामने आया है। जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया गया है, जिसके लिए प्रमाण के तौर पर कुत्ते का आधार कार्ड भी प्रस्तुत किया गया है। सोशल मीडिया पर कुत्ते के आधार कार्ड की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। 

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कुत्ते के जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन का यह अनोखा मामला गया जिले के गुरारू का है। यहां अंचल कार्यालय में एक कुत्ते के जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन में आवेदक का नाम- टॉमी, पिता का नाम- शेरू, माता का नाम- गिनी, ग्राम- पांडेपोखर, ग्राम पंचायत- रौना, वार्ड नंबर-13, अंचल-गुरारू, थाना- कोंच, जिला- गया, राज्य - बिहार, पिनकोड- 824118 बताया गया है। कुत्ते का कथित आधार कार्ड (नंबर- 993460458271) भी अपलोड किया गया है। आवेदन में मोबाइल नंबर भी है। आवेदन संख्या- BCCCO/2023/314491 है।

जांच के बाद आवेदन अस्वीकृत

गया जिले के गुरारु अंचल के आरटीपीएस कार्यालय को यह आवेदन 21 जनवरी को ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त हुआ। आरटीपीएस कार्यालय ने उक्त आवेदन को डाउनलोड किया तो उनके भी होश उड़ गए। इसके बाद संबंधित राजस्व कर्मचारी को जांच के लिए आवेदन सुपुर्द किया गया। राजस्व कर्मचारी रामविनय ने 31 दिसंबर को जांचोपरांत आवेदन अस्वीकृत कर दिया।

आधार कार्ड पर दर्ज है छात्र का मोबाइल नंबर 

जांच में पता चला कि किसी शरारती तत्व ने आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ की है। कुत्ते के आधार कार्ड पर जो मोबाइल नंबर अंकित है, वह पांडेपोखर गांव के बढ़ई जाति से आने वाले स्नातक उतीर्ण युवक संजीत कुमार का निकला। संजीत ने जागरण को बताया कि इस शरारत से उसका कोई संबंध नहीं है। वह प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करता है। घटना के समय वह सीटेट की परीक्षा देने के लिए दिल्ली में था।

आवेदन अस्वीकृत कर प्रशासन वेफिक्र

वहीं, सबसे हैरानी की बात तो यह है कि आधार कार्ड जैसे संवेदनशील दस्तावेज को एडिट करने की हरकत करने वाले शरारती तत्व की पहचान के लिए प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। वहीं, अंचल अधिकारी संजीव कुमार त्रिवेदी ने कहा है कि आवेदन अस्वीकृत होने के बाद से वह इंटरमीडिएट की परीक्षा ड्यूटी पर है। 


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