चौंकिए मत, यह सड़क ही है जनाब, अब इसपर चलकर तो दिखाइए, बुरा है कुटुंबा-माली पथ का हाल
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी कई सड़कें जर्जर हो गई हैं। गुणवत्ता में कमी और ओवरलोड वाहनों ने इन सड़कों की सूरत बिगाड़कर रख दी। नतीजा यह है कि इन सड़कों पर पैदल चलना भी चुनौती से कम नहीं है।
जेएनएन, औरंगाबाद। कुटुंबा प्रखंड में बालूगंज सण्डा से होते हुए माली तक जाने वाली सड़क अत्यंत जर्जर हो चुकी है। वाहन तो दूर लोगों को पैदल चलने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों की वजह से आए दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
कुटुंबा एवं नवीनगर प्रखंड के दर्जनों गांव को जोड़ने वाली इस सड़क के जर्जर हो जाने से उस पथ पर वाहन को चलाना मुश्किल बन गया है। गड्ढे में पानी हमेशा जमा रहता है। इसके चलते सड़क कीचड़ से सनी हुई है। लोगों के कपड़े इससे गंदे होते रहते हैं। साथ ही सड़क से गुजरने वाले वाहन चालकों को यह पता ही नहीं चल पाता है की गड्ढे कितने खतरनाक हैं। कीचड़ और पानी के कारण इसका अहसास नहीं होने की वजह से उक्त सड़क पर हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
विभागीय सुस्ती आम लोगों को बना रहा दुर्घटना का शिकार - सड़क निर्माण विभाग कुटुंबा-माली पथ की सुध नहीं ले रहा है। पूरी तरह विभाग उदासीन बना हुआ है। न तो इसकी मरम्मत की जा रही है न ही सड़क पर बने गड्ढों को भरा जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्मित इस सड़क से गुजरने की मजबूरी लोगों के समक्ष है। इस वजह से सड़क टूटी होने के बावजूद लोग यात्रा करते हैं। लेकिन इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के समय तो कई वादे कर वोट लेने वाले आते हैं। आश्वासनों का पुलिंदा बांध देते हैं। लेकिन जीतने के बाद कोई लौटता नहीं। एक तो सड़क बनाने में मानकों की अनदेखी की गई ऊपर से ओवरलोड वाहनों ने सत्यानाश कर दिया। जर्जर सड़क से वास्ता तो हम ग्रामीणों का ही पड़ता है न। दूसरे को इससे क्या मतलब।