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व्‍यवसायियों के लिए निराशा भरी खबर, गया में नहीं लगेगा पितृपक्ष मेले; लेकिन पिंडदान कर सकेंगे श्रद्धालु

कोविड-19 महामारी को लेकर गृह विभाग के आदेश के अनुसार जिला प्रशासन की ओर से मेले का आयोजन नहीं कराया जाएग जो श्रद्धालु अपने पितरों की मोक्ष की कामना लिए पिंडदान करने पहुंचेंगे उन्हें कर्मकांड करने से रोका भी नहीं जाएगा।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 02:51 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 02:51 PM (IST)
व्‍यवसायियों के लिए निराशा भरी खबर, गया में नहीं लगेगा पितृपक्ष मेले; लेकिन पिंडदान कर सकेंगे श्रद्धालु
गया में पिंडदान करतीं विदेशी महिलाएं। जागरण आर्काइव।

जागरण संवाददाता, गया। पितृपक्ष मेले को लेकर चल रहे गतिरोध को दूर करते हुए जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने स्पष्ट किया है कि गयाजी में इस बार भी मेले का आयोजन नहीं होगा। किसी भी तरह के विशेष स्टाल, पंडाल, मेडिकल कैंप व अन्य सुविधाएं नहीं उपलब्ध होंगी। कोविड-19 महामारी को लेकर गृह विभाग के आदेश के अनुसार जिला प्रशासन की ओर से मेले का आयोजन नहीं कराया जाएग, जो श्रद्धालु अपने पितरों की मोक्ष की कामना लिए पिंडदान करने पहुंचेंगे, उन्हें कर्मकांड करने से रोका भी नहीं जाएगा। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी ने पिंडदानियों से अनुरोध किया कि लोग अभी गयाजी नहीं आएं और भीड़ नहीं लगाएं। बावजूद इसके जो लोग गयाजी आएंगे, वह कोरोना गाइडलाइन का पालन जरूर करें। मास्क पहनकर रखें। सभी लोग शारीरिक दूरी का पालन करें। इस साल 20 सितंबर से सात अक्टूबर तक पितृपक्ष है। वैदिक कर्मकांड की धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृपक्ष के दौरान गयाजी में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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सामान्य रूप से घाटों की सफाई, नगर निगम की होगी जवाबदेही

गयाजी की मोक्षदायिनी फल्गु नदी में पिंडदानी कर्मकांड से जुड़े सभी क्रियाकलाप करते हैं। अभी फल्गु नदी घाटों में यत्र-तत्र गंदगी है। इसकी समुचित साफ-सफाई की जवाबदेही नगर आयुक्त की है। जिलाधिकारी ने कहा कि सामान्य रूप से फल्गु नदी के घाटों की सफाई कराई जाएगी।

अभी से ही बढऩे लगे हैं पिंडदानी, लाखों हो सकती है संख्या

पितृपक्ष शुरू होने में अभी छह दिन शेष हैं, पर माहौल अभी से ही पितृपक्ष जैसा दिखने लगा है। गयाजी में अभी औसतन 100 से 110 पिंडदान हर रोज हो रहा है। पितृपक्ष में यह संख्या बढ़कर 500 से 600 तक जाने की उम्मीद है। पूरे पितृपक्ष में तकरीबन एक लाख तक पिंडदानी के गयाजी पहुंचने का अंदेशा है। सामान्य वर्षों के पितृपक्ष में हर दिन चार से पांच हजार पिंडदान होता है।

पितृपक्ष में स्वास्थ्य, सफाई व सुरक्षा की जवाबदेही जिला प्रशासन की : बिट्ठल

गयाजी की विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभुलाल बिट्ठल ने कहा कि पितृपक्ष मेले का आयोजन भले ही नहीं हो रहा हो, लेकिन जो भी पिंडदानी गयाजी में आते हैं। उनके लिए समुचित सफाई, स्वास्थ्य व सुरक्षा की जिम्मेवारी जिला प्रशासन की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंडा समाज की ओर से किसी भी पिंडदानी को नहीं बुलाया जा रहा है, लेकिन जो श्रद्धाभाव से आएंगे, उनका स्वागत करना नैतिकता है। अध्यक्ष ने कहा कि कई श्रद्धालुओं का वार्षिक श्राद्ध का समय पूरा हो गया है। सभी पिंडदानियों से अपील की कि जो भी गयाजी आ रहे हैं, वह कोरोना नियमों का पालन जरूर करें।


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