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दीपंकर बोले, इंगलैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर तिरंगा को शोक स्वरूप झुकाना बलिदानियों का अपमान

भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को इंग्लैंड की महारानी के निधन पर शोक के रूप में झुकाना यह देश के उन तमाम बलिदानों का अपमान है जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए थे।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2022 02:53 PM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2022 02:53 PM (IST)
दीपंकर बोले, इंगलैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर तिरंगा को शोक स्वरूप झुकाना बलिदानियों का अपमान
नवादा में भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और अन्य

 संवाद सूत्र, मेसकौर, (नवादा): इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर भारत का सम्मान माने जाने वाले राष्ट्रीय ध्वज को शोक स्वरूप झुकाने की कार्यवाई की भाकपा माले ने कड़ी आलोचना की है। भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को इंग्लैंड की महारानी के निधन पर शोक के रूप में झुकाना यह देश के उन तमाम बलिदानों का अपमान है, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए मजबूत लड़ाई लड़ी थी। अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए थे। केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ भाजपा हर घर तिरंगा की बात कर रही थी, वहीं अपने दुश्मन देश की महारानी के निधन पर उसी तिरंगे को झुका दिया। 

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1857 में रजवार विद्रोह के बलिदानी एतवा, जवाहिर व फतह रजवार की प्रतिमा।

दीपंकर भट्टाचार्य बुधवार को नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड अंतर्गत सीतामढ़ी में आयोजित जनसभा में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि नवादा की धरती से रजवार आंदोलन ने 1857 में जो क्रांति की बिगुल फूंकी थी उसने आगे चलकर देश को आजादी दिलाने में काफी बड़ी भूमिका निभाई। रजवार विद्रोह से जुड़े हुए बलिदानी एतवा, जवाहिर और फतह रजवार की बलिदान को उन्होंने नमन किया। उन्होंने कहा कि इन स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान गरीब- गुरबे, मजदूरों, आदिवासियों के हक और भारत को अंग्रेजों से बचाने के लिए लड़ा गया प्रमुख आंदोलन था। 

रजवार समाज द्वारा भारत रत्न दिलाने की मांग उचित

बलिदानियों के सम्मान में उठ रही भारत रत्न देने के सम्मान की मांग का समर्थन करते हुए दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि यह रजवार समाज के लोगों की जो मांग है वह उचित है। भारत सरकार इसे प्रदान करें। सीतामढ़ी में हाल ही में बनाए गए इन तीनों बलिदानियों की प्रतिमाओं को लेकर कहा कि उन बलिदानों को सम्मान देने का यह बहुत ही सुंदर प्रयास है। 

अपने साथ रहे भाकपा माले के विधायकों से उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी के इस पूरे क्षेत्र को सुंदरीकरण किया जाए। यहां की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जाए। इसके लिए वह बिहार विधानसभा में भी सरकार के समक्ष आवाज उठाएं। ताकि उन बलिदानियों का सम्मान और गौरव को और बढ़ाया जा सके। इस कार्यक्रम में अलग-अलग जिलों से कई विधायक पहुंचे थे। इसके साथ ही दीपांकर भट्टाचार्य को सुनने के लिए भाकपा माले के सैकड़ों पार्टी नेता व कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में पहुंचे।


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