Bihar Coronavirus ALERT: गया के ANMCH में नहीं हुआ इलाज तो भागकर आ गया घर, कुछ देर बाद ही मौत
Bihar Coronavirus ALERT गया के टिकारी प्रखंड स्थित शिवनगर में दो लोगों की कोरोना से मौत हो गई। इनमें से एक का शव पीपीई किट के इंतजार में 15 घंटे तक घर में ही पड़ा रहा। इनमें एक की मौत इलाज के अभाव में हुई बताई जा रही है।
टिकारी (गया), संवाद सहयोगी। कोरोना संक्रमितों (Covid Positive) के इलाज के तमाम दावे की पोल खुल गई है। प्रखंड अंतर्गत शिवनगर पंचायत में भर्ती दो लोगों की मौत 12 घंटे के अंदर हो गई। मृतक में एक सिंघापुर गांव के अधेड़ हैं। उनकी कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं दूसरे अधेड़ की मौत इलाज नहीं होने के कारण अस्पताल से घर लौटने के बाद हो गई। पंचायत में दो लोगों की मौत के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
पीपीई किट के लिए 15 घंटे तक घर में पड़ा रहा शव
बताया जाता है कि शिवनगर के एक 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत बुधवार की शाम में संदिग्ध स्थिति में हो गई। मंगलवार को अचानक तबियत खराब होने के बाद टिकारी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। मृतक के भाई ने बताया कि वहां से स्थिति खराब होने पर एएनएमसीएच रेफर कर दिया गया। वहां भर्ती होने के बाद शाम से रात तक और बुधवार की सुबह 10 बजे तक कोई इलाज नहीं किया गया। इससे क्षुब्ध होकर वह मरीज वार्ड से भागकर ऑटो से दोपहर में घर चला आया। शाम लगभग 6 बजे उसकी मौत हो गई। इसके बाद इसकी सूचना स्थानीय अस्पताल और अनुमंडल प्रशासन को दी गई।
पूरी रात बैठे रहे प्रशासन के जवाब के इंतजार में
मृतक के अंतिम संस्कार के लिए गाइडलाइन और सुविधा मुहैया कराने की मांग प्रशासन से की गई। लेकिन पूरी रात प्रशासन के जवाब के इंतजार में लोग बैठे रहे। गुरुवार की सुबह 10 बजे तक कोई स्पष्ट जवाब प्रशासन से नहीं मिलने के बाद अस्पताल से पीपीई कीट की मांग की गई। पीपीई किट मिलने के बाद मृतक के स्वजनों ने सुरक्षा और सतर्कता बरतते हुए स्थानीय मोरहर नदी स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया। मृतक का एक पुत्र पहले से ही कोरोना पॉजिटिव है।
भर्ती होने के बाद नहीं मिलने दिया गया किसी से
वहीं सिंघापुर के 51 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद परिवार के सदस्य ने बताया कि वे धनबाद में रहते थे। होली के बाद वे वहां गए थे। तबियत खराब होने पर तीन-चार दिन बाद लौट आए। उसके बाद अनुमंडलीय अस्पताल में कोरोना जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई थी। लेकिन 13 अप्रैल को तबियत ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन उसी दिन देर शाम गया रेफर कर दिया गया। उसके बाद मेडिकल में किसी को मरीज से नहीं मिलने दिया गया। अचानक 15 अप्रैल की सुबह उनकी मौत की मेडिकल से सूचना मिली।