बोधगया सीरियल ब्लास्ट: आतंकी छाया नहीं डिगा सकी श्रद्धालुओं की आस्था, जानिए
बीते जुलाई 2013 में हुए बोधगया सीरियल ब्लास्ट के दोषी अपराधियाें को कोर्ट 31 मई को सजा सुना देगी। उस आतंकी घटना से श्रद्धालुओं की आस्था नहीं डिगी, बल्कि मजबूत ही हुई। जानिए।
गया [विनय कुमार मिश्र]। बिहार के बोधगया में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर जुलाई 2013 में सीरियल बम ब्लास्ट से दहल उठा था। एनआइए कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए उस घटना के अपराधियों को 31 मई को सजा मिलेगी। खास बात यह है कि वह आतंकी घटना शांति की भूमि को लेकर लोगों की आस्था नहीं डिगा सकी। घटना के बाद श्रद्धालुओं ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था के लिए और ज्यादा सहयोग देना शुरू कर दिया।
एक महीने बाद सबकुछ हुआ सामान्य
बम ब्लास्ट के बाद विश्व के बौद्ध देशों के श्रद्धालु विचलित हुए थे। श्रद्धालु बोधगया स्थित संबंधित देशों के बौद्ध मोनास्ट्री से पल-पल की जानकारी प्राप्त कर रहे थे, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था में कहीं कोई कमी नहीं दिखी। लगभग एक माह का समय बीतने के बाद सब कुछ सामान्य हो गया।
हां, जो विदेशी बौद्ध पर्यटक जैसे पहले बोधगया आकर स्वछंद तरीके से विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना और ध्यान-साधना करते थे, अब उन्हें वैसा माहौल नहीं मिल रहा। इसके पीछे सुरक्षा के कारण हैं। कुछ दिनों तक तो पर्यटक खुद को असहज भी महसूस करते रहे, लेकिन विश्व के बौद्ध देशों में मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का प्रचार-प्रसार होने के बाद अब स्थिति सामान्य हो गई है।
आगत विदेशी पर्यटक भी सहज तरीके से सुरक्षा घेरे से होकर गुजरते हैं। बम ब्लास्ट से कुछ दिनों के लिए व्यवसाय पर असर पड़ा था। घटना पर्यटन सीजन के बाद हुई थी, इसलिए अगले पर्यटन सीजन से होटल व्यवसाय भी पटरी पर लौटने लगा था।
विदेशी पर्यटकों ने भी किया सहयोग
बिहार पर्यटन के आंकड़े बताते हैं कि 2013 में घटित आंतकी घटना का आगत पर्यटकों की संख्या पर उस वर्ष तो प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन अगले वर्ष यानी 2014 में आंशिक रूप से जरूर पड़ा। उसके बाद तो विदेशी पर्यटक भी मंदिर सुरक्षा के लिए उपकरणों की खरीद आदि के लिए खुलकर दान देने लगे। आज भी मंदिर में लगा एक अत्याधुनिक बैगेज स्कैनर विदेशी पर्यटकों के दान के पैसों से लगा है।
हवाई सुविधा से मिटी बौद्ध देशों की दूरी
गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास के बाद कई बौद्ध देशों से सीधी विमान सेवा शुरू हुई। इससे बुद्धभूमि से बौद्ध देशों की दूरी सिमटकर रह गई। सामान्यत: अक्टूबर माह से फरवरी तक म्यांमार, थाइलैंड, भूटान और श्रीलंका के लिए सीधी विमान सेवा होती है। साथ ही सालों भर देश की राजधानी से इंडियन एयरलाइंस के विमानों का परिचालन होता है। इसके अलावा कई अन्य देशों के बौद्ध श्रद्धालु चार्टर विमान से बोधगया आते हैं। इससे अब यहां के टूर ऑपरेटर टूर पैकेज प्लान तैयार करने लगे हैं।
बोधगया आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या
वर्ष 2011: देशी- 5023259, विदेशी- 254963
वर्ष 2012: देशी- 5063171, विदेशी- 26882
वर्ष 2013: देशी-12544163, विदेशी- 248009
वर्ष 2014: देशी- 5098230, विदेशी- 209656
वर्ष 2015: देशी- 3701226, विदेशी-238617
वर्ष 2016: देशी- 2890268, विदेशी- 288014
वर्ष 2017: देशी- 3639728, विदेशी- 313817
वर्ष 2018 (जनवरी से मार्च तक): देशी 870002, विदेशी- 124559