पैक्स गोदाम के बरामदे पर कट रही अग्निपीड़ितों की जिंदगी
प्रखंड के तेतरिया ग्राम के महादलित टोला में आगजनी की घटना के 36 घटे बाद भी पीड़ित।
गया। प्रखंड के तेतरिया ग्राम के महादलित टोला में आगजनी की घटना के 36 घटे बाद भी पीड़ित परिवारों को प्रशासन की ओर से कोई राहत सामग्री या आर्थिक मदद नही मिली है।
घटना के बाद बेघर हुए 13 परिवार पैक्स गोदाम के बरामदे में बचे खुचे सामान को रखकर किसी तरह दिन काट रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों और रिश्तेदारों द्वारा दी गई खाद्य सामग्री से भोजन की व्यवस्था हो पाई है। मुखिया, सरपंच, डीलर से अनाज तो मिला है, लेकिन बर्तन नहीं है।
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जले घर का मलवा हटाकर ढूंढ रहे सामान
बुधवार को जब दैनिक जागरण की टीम यहां पहुंची तो उनलोगों ने अपना दर्द बयां किया। पीड़ित परिवार अपने अपने जले घर का मलवा हटाकर सामान ढूंढ रहा था। पीड़ितों के समक्ष रोटी, कपड़ा और मकान की समस्या उत्पन्न हो गई है।
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प्रशासन की तरफ से कोई सहायता नहीं मिली
दीपलाल दास सहित अन्य ने बताया कि आगजनी की घटना के बाद मंगलवार को पहुंचे एसडीओ मनोज कुमार, डीसीएलआर नलिन कुमार एवं सीओ अनिता भारती ने पीड़ितों को मदद के लिए तीन हजार नकद, आवासन के लिए तिरपाल और अन्य सामग्रियों की व्यवस्था करने की बात कही थी। लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सहायता नहीं मिली है। बुधवार को प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा। बेघर हो चुका तेरह परिवार खानाबदोश की तरह जीवन जीने को विवश है। आगजनी में महज एक परिवार का रसोई गैस किसी तरह बच गया था, जिससे सभी का भोजन बन रहा है।
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अनुसूचित परिवारों को नहीं मिला आवास योजना का लाभ
तेतरिया पैक्स गोदाम से सटे बथान की भूमि पर दशकों से बसे इन अनुसूचित परिवारों को न तो अपनी एक इंच जमीन है और न ही किसी को आज तक आवास योजना का लाभ मिला है।
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शादी की तैयारी थी, सब कुछ स्वाहा
इस आग में हरिचरण मांझी का अरमान भी स्वाहा हो गया। उनके घर 21 अप्रैल को भांजी की बरात आनी है। तिलक की सामग्री के साथ नकद रुपये, शादी के कपड़े और अनाज आदि जलकर राख हो गए। नि:संतान हरिचरण ने अपनी भाजी को अपने घर में रखकर उसका पालन पोषण किया है। 21 अप्रैल को तिलक लेकर गोह जाना है। ब्याज पर बीस हजार रुपये लेकर घर में रखा था। अब शादी की भी चिंता सता रही है। रामदेव दास के पुत्र की भी अगले महीने शादी की तैयारी चल रही थी। वे बताते हैं कि तीस हजार नकद जलकर राख हो गए।
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पति ने भेजा था पैसा, जल गया
सोनिया देवी को दो दिन पहले ही महाराष्ट्र में मजदूरी करने वाले पति ने बीमारी के इलाज के लिए छह हजार रुपये भेजा था। दो दिन पहले ही बैंक से महाजन को देने के लिए सोनिया देवी पैसे लाई थीं। सारा पैसा जल गया।
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मदद को आ रहे रिश्तेदार
पीड़ितों के रिश्तेदारों को जैसे-जैसे घटना की जानकारी मिल रही है, वे मदद को पहुंच रहे हैं। उसास देवरा से अपने भाजा का हाल देखने पहुंची राजमणि देवी अपनी पुत्रवधु के साथ पंहुचीं। परिजनों के लिए अनाज एवं अन्य जरूरी सामान लेकर आई हुई थीं। वहीं औरंगाबाद के तुनडी गाव से बुआ के घर पहुंचे राजीव कुमार ने परिजनों को जरूरी सामान मुहैया कराया।
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ठप हुई विद्युत आपूर्ति
घटना के बाद गाव में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप है। विभाग ने विद्युत आपूर्ति बहाल करने का कोई प्रयास नहीं किया है। गांव के लोग अंधकार में रहने को विवश हैं। ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है।
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'पीड़ित परिवार के मुखिया को आपदा के तहत तीन हजार रुपये की राशि उनके बैंक खाता में गुरुवार को भेज दी जाएगी। पीड़ितों को तिरपाल मुहैया कराया जाएगा। परिवार के आवासन के लिए समीप के विद्यालय भवन में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। जिन पीड़ित का खाता नहीं मिलेगा, उनका संबंधित बैंक से उनके नाम से खाता को ढूंढा जाएगा।
अनिता भारती, अंचलाधिकारी, टिकारी