अतिक्रमण से सिकुड़ रहा है घुघरीटांड तालाब
---------- जागरण संवाददाता, गया : शहर के दक्षिणी क्षेत्र स्थित वार्ड संख्या 45 में स्थित घुघरीट
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जागरण संवाददाता, गया : शहर के दक्षिणी क्षेत्र स्थित वार्ड संख्या 45 में स्थित घुघरीटाड तालाब अतिक्रमणकारियों की भेंट चढ़ गया है, जिसके कारण तालाब ने अपनी पहचान खो दी है। तालाब में मोहल्ले का नाली गिरने से पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है। गंदे पानी के जमाव के कारण बो¨रग से भी काफी बदबूदार पानी निकल रहा है। इस कारण जलसंकट की स्थिति बनी रहती है। तालाब जलकुंभी एवं घास से भरा पड़ा है। तालाब के चारों तरफ लोगों ने अतिक्रमण कर मकान का निर्माण कर रखे है, जिसके कारण तालाब का गंदा पानी बाहर नहीं निकल रहा है। कई लोगों ने रास्ते पर मकान बना रखा है। पानी बाहर नहीं निकलने से थोड़ी सी बारिश में कई घरों में पानी प्रवेश कर जाता है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि तीन दशक पहले तक तालाब काफी सुंदर था। तालाब सालों भर पानी से भरा रहता था। तालाब के चारों ओर घाट का निर्माण भी किया गया था। टिकारी महाराज गोपाल शरण द्वारा तालाब का निर्माण कराया गया था। जब से लोगों ने तालाब का अतिक्रमण कर मकान बनाना शुरू किया, यह अपनी पहचान खोता चला गया।
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फोटो-30 जेपीजी
तालाब को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कराने की जरूरत है। साथ ही सफाई कर तालाब का सुंदरीकरण किया जाए। तालाब नहीं रहेगा तो पानी की समस्या पैदा होगी। जलस्रोत समाप्त होते जा रहे हैं।
महेश प्रसाद
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फोटो-29 जेपीजी
पहले तालाब में तीर्थयात्री पिंडदान करते थे। जब से तालाब में नाली गिरना शुरू हो गया, तब से पिंडदान बंद हो गया। आज तालाब में गंदगी है। अगर तालाब का सुंदरीकरण कर दिया जाए तो पिकनिक स्पॉट बन सकता है।
सुरेंद्र यादव
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फोटो -28 जेपीजी
1988 के बाद तालाब की स्थिति खराब होने लगी। लोगों ने अतिक्रमण कर कई मकान बना दिया। तालाब में गंदा पानी का जमाव रहने के कारण बो¨रग से प्रदूषित पानी निकल रहा है।
सतीश कुमार
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फोटो-27 जेपीजी
तालाब से निकलने वाले पानी का रास्ता अतिक्रमण के कारण बंद हो गया है, जिसके कारण गंदा पानी का जमाव है। जिला प्रशासन और नगर निगम जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाकर रास्ता को साफ कराए।
धमेंद्र कुमार मालाकार
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फोटो-31 जेपीजी
तालाब की सफाई एवं सुंदरीकरण को लेकर नगर निगम में आवेदन दिया गया है। नगर आयुक्त का कहना है कि सुंदरीकरण के लिए प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है। अगर चार माह में तालाब का सुंदरीकारण नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
स्वीटी कुमारी, वार्ड पार्षद