चक्रवाती बारिश से धान की फसल बर्बाद, किसान मुआवजे की लगा रहे गुहार
गया जिले के फतेहपुर और टनकुप्पा प्रखंडों में चक्रवाती बारिश ने धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। किसानों की मेहनत बर्बाद हो गई है, खेत में कटी हुई धान की फसल सड़ रही है। किसानों ने सरकार से फसल क्षति का आकलन कर मुआवजे की मांग की है। कृषि विभाग ने नुकसान का सर्वे कर रिपोर्ट भेज दी है।

बारिश से फसल बर्बाद
संवाद सूत्र,फतेहपुर (गया)। बीते पखवाड़े पूर्व आई मोथा चक्रवातीय वर्षा ने फतेहपुर एवं टनकुप्पा प्रखंड के किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में कटा हुआ धान भीगने से सड़ने लगा है, वहीं खड़ी फसल झुककर बर्बादी की कगार पर पहुंच गई।
लगातार हुई बारिश से खेतों में पानी भर जाने के कारण कई स्थानों पर धान में अंकुरण निकल आया है, जिससे किसानों की उम्मीदें टूट गई हैं।
अच्छी मानसून से फसल भी लहलहा रही थी
फतेहपुर के बद्री सिंह, अजय यादव, अंबिका यादव, पंकज ठाकुर एवं टनकुप्पा के विनय यादव, प्रवेश यादव, झलक सिंह, मनोज सिंह, बिहारी प्रसाद और महेंद्र यादव सहित कई किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर बटाई पर खेती की थी। इस वर्ष अच्छी मानसून से फसल भी लहलहा रही थी, जिससे किसान काफी उत्साहित थे।
कोई बेटी की शादी की तैयारी में था तो कोई घर की ढलाई कराने की सोच रहा था। लेकिन अचानक हुई तेज वर्षा ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में पककर तैयार धान की बालियां झुक गईं और फसल सड़ने लगी।
किसानों का कहना है कि लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। छोटे किसानों के लिए तो यह संकट पेट पालने की नौबत तक पहुंच गया है।
विभागीय कर्मी सर्वेक्षण सही ढंग से नहीं कर पाए
उन्होंने बताया कि फसल नुकसान के समय चुनावी माहौल होने के कारण विभागीय कर्मी सर्वेक्षण सही ढंग से नहीं कर पाए। अब किसानों ने बनने वाली नई सरकार से फसल क्षति का सही आकलन कर मुआवजा दिलाने की मांग की है। ग्रामीण क्षेत्र में इस आपदा से किसानों में मायूसी छाई हुई है।
इस संबंध में प्रखंड कृषि समन्वयक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वर्षा से हुई फसल क्षति का सर्वे कर विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई है। विभागीय आदेश मिलते ही क्षति पूर्ति के अनुसार मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।