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मछुआराें के व्‍यवसाय को हड़पने की हो रही साजिश, बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने किया दावा

बिहार सरकार के पशुपालन एवं मत्‍स्‍यपालन मंत्री मुकेश सहनी ने कहा है कि मछुआरा समाज का व्‍यवसाय कुछ लोग छीनना चाहते हैं। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है। मंत्री फिलहाल ज्ञान और मोक्ष की भूमि पर संगठन को सशक्‍त करने पहुंचे हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 10:47 AM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 10:47 AM (IST)
मछुआराें के व्‍यवसाय को हड़पने की हो रही साजिश, बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने किया दावा
गया में कार्यकर्ताओं के साथ मुकेश सहनी। जागरण

नीरज कुमार, गया। बिहार विधानसभा चुनाव में सफलता मिलने के बाद अब संगठन विस्तार में पार्टियां जुटी हैं। इस क्रम में वीआइपी (VIP) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष व मंत्री मुकेश सहनी भी दो दिनों से मोक्ष और ज्ञान की भूमि पर ठिकाना तलाश कर रहे हैं। इस क्रम में उन्‍होंने मछुआरा समाज को एकजुट होने को कहा है। कहा है कि संघर्ष नहीं करेंगे तो आपका व्‍यवसाय भी नहीं बच पाएगा। कुछ लोग आपके व्‍यवसाय पर नजरें गड़ाए हुए हैं। इसलिए अपनी जीविका को बचाना जरूरी है। उन्‍होंने संगठन का विस्तार और मजबूती इनकी पहली प्राथमिकता है। 

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मगध में जमीन को मजबूत बनाने में जुटी वीआइपी

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में वीआइपी को चार सीटें प्राप्‍त हुई हैं। यहां सफलता मिलने के बाद अब पूरे बिहार में मछुआरे और निषाद को एकजुट कर अपनी जमीन बनाने का प्रयास वीआइपी कर रहा है। वैसे तो समाज के हर तबके के विकास की बात मुकेश सहनी कहते रहे हैं। लेकिन मल्‍लाह समाज के प्रति वे ज्‍यादा तत्‍पर हैं।जानकारी हो कि मगध प्रमंडल में गया समेत कई जिलों में मछुआरे निषाद मत्स्य जीवी सहयोग समिति कार्यरत है जो सीधे तौर पर मछली पालन से जुड़े है। उन्हें सशक्त बनाने में कोई भी कसर वीआइपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष छोड़ना नहीं चाहते। क्योंकि वे इनके वोटर हैं।

संघर्ष करेंगे तब ही बचे रहेंगे

यही वजह है कि शनिवार को मत्स्य जीवी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना अति आवश्यक है। संघर्ष करेंगे तभी आपका परिवार, आप, समाज और आपका मछली पालन व्यवसाय बच पाएगा। संघर्ष नहीं करेंगे तो धीरे-धीरे कुछ ऐसे लोग आपके व्यवसाय पर जो नजर गड़ाए हुए हैं। उनका कब्जा होगा। मालूम हो कि एनडीए में रहने के बावजूद मुकेश सहनी कई बार नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। चाहे वह विधान पार्षद का चुनाव लड़ना हो या मंत्रिमंडल विस्‍तार में जगह नहीं मिलने का। वे कई मौके पर विरोध जता चुके हैं।


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