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बेसहारा कुत्तों से शहरवासी परेशान, हर दिन लोग बनते शिकार, गया नगर निगम को नहीं पड़ता फर्क

बेसहारा कुत्तों को पकडऩे के लिए नगर निगम के पास संसाधनों की कमी है। एनिमल कैचर वाहन तो है लेकिन जाल नहीं है जिससे कुत्तों को पकड़ा जा सके। बिना जाल के पकडऩे पर बेसहारा कुत्ते किसी को भी काटकर घायल कर सकते हैं। मे

By Prashant KumarEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 11:20 AM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 11:20 AM (IST)
बेसहारा कुत्तों से शहरवासी परेशान, हर दिन लोग बनते शिकार, गया नगर निगम को नहीं पड़ता फर्क
गया की सड़क पर खड़े बेसहारा कुत्‍ते। जागरण।

जागरण संवाददाता, गया। शहर में गाय, बैल, सांड व बछड़े ही नहीं बेसहारा पशु हैं, बल्कि सड़कों पर कुत्ते भी यूं ही घूमते रहते हैं। इनके लिए भी नगर निगम या प्रशासन के पास कोई माकूल व्यवस्था नहीं है। नगर निगम की अनदेखी से आम लोगों की परेशानी बढ़ी है। बेसहारा कुत्ते हमेशा शहर की सड़कों पर विचरण करते रहते हैं। इससे लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है। बेसहारा कुत्ते राहगीरों व बच्चों को अपना शिकार बना लेते हैं। इनके कारण आए दिन दुर्घटना भी होती रहती है। ये वाहन के आगे से कब गुजर जाएं, कोई भरोसा नहीं।

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रात में बढ़ जाता है बेसहारा कुत्तों का आतंक

शहर में बेसहारा कुत्तों का आतंक रात में अधिक बढ़ जाता है। सड़क पर जा रहे बाइक सवार पर अचानक धावा करते हैं। इससे बाइक सवार दुर्घटना के शिकार बन जाते हैं। बाइक सवार के अलावा चारपहिया वाहनों पर भी कुत्ते धावा बोलते हैं। चालक के सचेत नहीं होने से बड़ी घटना घट जाती है।

शहर में 47 सौ बेसहारा कुत्ते

शहरी क्षेत्र में बेसहारा कुत्तों की संख्या 4700 है, जबकि जिले में इनकी आबादी 25,700 है। बेसहारा कुत्तों की आबादी रोकने के लिए कुछ दिन पहले सरकार ने सभी कुत्तों का टीकाकरण कराने का आदेश जारी किया था। प्रत्येक दिन जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 45 से 50 लोग कुत्तों के काटने पर टीका लगवाते हैं।

नगर निगम के पास संसाधनों का रोना

बेसहारा कुत्तों को पकडऩे के लिए नगर निगम के पास संसाधनों की कमी है। एनिमल कैचर वाहन तो है, लेकिन जाल नहीं है, जिससे कुत्तों को पकड़ा जा सके। बिना जाल के पकडऩे पर बेसहारा कुत्ते किसी को भी काटकर घायल कर सकते हैं। मेयर वीरेंद्र कुमार का कहना है कि बेसहारा पशुओं को अभियान चलाकर पकड़ा जाएगा। साथ ही पशुपालकों से जुर्माना भी वसूला जाएगा। शहर में एक सप्ताह के बाद अभियान चलेगा।

लाकडाउन में बेसहारा कुत्तों को देते थे आहार

कोरोना को लेकर शहर में कुछ दिन पहले लाकडाउन लगा था। इस कारण शहर में खाने-पीने के सभी होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट आदि बंद थे। इससे बेसहारा कुत्तों को खाना नहीं मिल रहा था। ऐसे में शहर के विधायक सह पूर्व मंत्री डा. प्रेम कुमार की ओर से कुत्तों को आहार दिया जाता था।


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