Chhath Puja 2020: बोधगया में मास्को से आए विदेशी युवक ने दिया भगवान सूर्य को अर्घ्य
Chhath puja 2020 छठ पूजा 2020 को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। बिहार में प्रचलित सूर्योपासना की इस परंपरा से अब विदेशी पर्यटक भी जुड़ रहे हैं। बोधगया में विदेशी पर्यटक न सिर्फ पूजा स्थल पर पहुंचे बल्कि अर्घ्य में भी शामिल हुए।
पटना, जेएनएन। भारतीय संस्कृति अद्भुत है। लोक आस्था के पर्व छठ के बारे में अपने दोस्त से सुना था कि यह भगवान सूर्य का पर्व है। जो करते हैं, वे पानी तक नही पीते। कठिन है इस तरह का पर्व। अपने दोस्त के साथ बोधगया आकर इस पर्व को नजदीक से देखने का मौका मिला। अच्छा लगा। हम भी अपने दोस्त के स्वजनों के साथ भगवान सूर्य को जल दिए। कल सुबह भी इस पूजा में शामिल होंगे। हमारे देश में भी सूर्य की पूजा होती है। लेकिन इस तरह से नहीं। उक्त बातें शुक्रवार को बोधगया के निरंजना नदी में मास्को से आए विदेशी युवक सिडन ने कहीं।
कोरोना काल में व्रतियों के मास्क नहीं लगाने पर जताई चिंता
सिडन ने कहा कि इस पर्व में तो शाम और सुबह दोनों समय भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। हम पहली बार ऐसे पूजा में शामिल हो रहे हैं। खुशी हो रही है। कोरोना संक्रमण ओर सिडन ने कहा कि हम तो मास्क पहनकर आए हैं। लेकिन कई लोग हैं, जो मास्क नहीं पहने हैं। डर तो लग रहा है, लेकिन ऐसी पूजा भी देखने की इच्छा के कारण बोधगया आ गया हूं। बता दें कि बोधगया में हर वर्ष काफी विदेशी पर्यटक छठ पूजा में शामिल होते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना के कारण विदेशी पर्यटकों की भीड़ निरंजना नदी के घाटों पर नहीं दिखी।
छठ पूजा डॉक्यूमेंट्री बनाने की इच्छा
सिडन ने कहा कि बोधगया से वापस लौटने पर छठ पूजा पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाने की इच्छा है, ताकि रूस में भी लोग इस पर्व के बारे में जान सके। दुनिया मे सन राइज को माना जाता है। इस पूजा में सन सेट की भी पूजा होती है। जो अतुलनीय है।
विदेशी पर्यटकों ने व्रतियों के बीच बांटी पूजा सामग्री
लॉकडाउन के बाद से लगातार बोधगया में रह रही थाईलैंड की महिला ने बोधगया में आज शाम छठ व्रतियों के बीच सूप बांटी। उनके साथ कुछ और भी विदेशी पर्यटकों ने सहयोग किया।