बौद्ध भिक्षुओं को दिया गया चीवरदान
जागरण संवाददाता, बोधगया : त्रैमासिक वर्षावास कालीन समापन के पश्चात एक माह तक चलने वाले कठि
जागरण संवाददाता, बोधगया : त्रैमासिक वर्षावास कालीन समापन के पश्चात एक माह तक चलने वाले कठिन चीवरदान समारोह पर विराम लग गया। आश्विन से कार्तिक पूर्णिमा के पहले तक बोधगया स्थित विभिन्न बौद्ध मोनास्ट्री में कठिन चीवरदान समारोह आयोजित किया गया। इसमें संबंधित देश के बौद्ध अनुयायियों ने वर्षावास काल व्यतीत करने वाले के साथ-साथ अन्य भिक्षुओं के बीच चीवर व दैनिक उपयोग की सामग्री को दान दिया। पूर्णिमा से पहले गुरुवार को वट लाव इंटरनेशनल मोनास्ट्री में कठिन चीवरदान समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य पुजारी बुमनि किटी धम्मावनों के नेतृत्व में मोनास्ट्री में धम्मपाद पाठ के साथ पूजा-अर्चना की गई। उसके बाद सभी के बीच चीवर और संघदान दिया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने मुख्य पुजारी के दीर्घायु की कामना की। मोनास्ट्री के प्रभारी भंते साइसाना बोधवांग ने बताया कि बौद्ध धर्म में वर्षावास काल भिक्षुओं के लिए जितना महत्वपूर्ण है। उतना ही महत्वपूर्ण श्रद्धालुओं के लिए भिक्षुओं के बीच चीवर व दैनिक सामग्री का दान देना। मोनास्ट्री के प्रबंधक संजय सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम मोनास्ट्री के स्थापना काल से प्रतिवर्ष किया जाता है। इस कार्यक्रम में अमेरिका के श्रद्धालु हॉगक्यो थेपुसुरिनयौन, फसुक साईखमफोन, सुथेप थेक्यो, पार्न, भंते अलिया, भंते फोव, भंते खाव, भंते अनोयाज आदि मौजूद थे।