बदहाल गांव की सुध अब तो लीजिए हुजूर
हिमांशु कुमार गौतम, टनकुप्पा देश के विकास का रास्ता गांवों की गलियों से होकर गुजरता
हिमांशु कुमार गौतम, टनकुप्पा
देश के विकास का रास्ता गांवों की गलियों से होकर गुजरता है। लेकिन तमाम दावों, वादों और योजनाओं के बावजूद आज भी गांव की तरफ विकास अपना रुख नहीं कर सका। सरकार बनवाने में ग्रामीणों का योगदान सबसे अधिक होता है, बावजूद इसके सत्ता मिलने पर जनप्रतिनिधि गावों का रास्ता भूल जाते हैं। इसी उदासीनता के कारण परवलडीह गांव आज भी विकास से अछूता है।
बंशी नदी के किनारे बसे इस गांव की आबादी दो हजार से अधिक है। इस गांव में पहुंचने के लिए तीन किलोमीटर तक पगडंडी पर चलना पड़ता है। गांव में स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। ऐसी बात नहीं है कि ग्रामीणों ने कभी मांग नहीं की। सासद, विधायक, डीएम, जिला पार्षद और मुखिया तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। सड़क नहीं होने के कारण मरीजों को कंधे पर टाग कर अस्पताल ले जाना पड़ता है। गाहे-बगाहे सरकारी योजना गांव तक पहुंच भी गई तो संवेदक की लापरवाही के कारण अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। सड़क सुविधा के अभाव में गाव की बेटिया उच्च शिक्षा पाने से वंचित हैं। गाव से बाहर अच्छी शिक्षा पाने के लिए नहीं निकल पाती हैं।
एनएम की मर्जी से खुलता है स्वास्थ्य उपकेंद्र : 15 वर्ष पहले गाव में प्राथमिक स्वास्थ उपकेंद्र बना था। यह केंद्र सिर्फ पोलियो पिलाने के दिन खुलता है। केंद्र का संचालन एएनएम की मर्जी से होता है।
विकास कार्य अधर में : 711 वोटर वाले इस गांव में जो भी विकास कार्य शुरू हुए वह आज तक पूरे नहीं हुए। मध्य विद्यालय दरिऔरा के पास नवंबर 2017 में मनरेगा से छह लाख की लागत से पुलिया का निर्माण कराया गया था, जो बनने के दूसरे दिन ही टूट गई। आज भी स्थिति यथावत है। ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। इसकी शिकायत कमिश्नर, डीएम, बीडीओ, मुखिया से की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। पीआरएस द्वारा राशि की निकासी कर ली गई है।
कुएं के पानी से बुझाते हैं प्यास : सात निश्चय योजना के तहत नल जल का कार्य संवेदक द्वारा कराया जा रहा है। एक वर्ष बीतने के बाद कार्य की गति काफी धीमी है। इस कार्य में संवेदक द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है। गाव में सरकार ने मात्र एक चापाकल लगाया है, वो भी वर्षो से खराब है। ग्रामीण कुएं से पानी लाकर प्यास को बुझाते हैं।
घरों में शौचालय नहीं : स्वच्छता मिशन से गांव का दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। महज दो-चार घरो में ही शौचालय बने हैं। पुरुष ही नहीं, बहू-बेटी भी शौच के लिए बाहर ही जाती है। ग्रामीणों को इस बात की भी जानकारी नहीं है कि सरकार की ओर से शौचालय बनाने के लिए राशि मिलती है।
कार्ड है पर राशन नहीं : लोगों को सरकारी दर पर राशन और केरोसिन उपलब्ध कराने की सरकार ने व्यवस्था गांव में कर रखी है। लेकिन राशन दुकानदार की मर्जी से लोग सरकारी राशन से वंचित हैं। साल में एक या दो बार ही लाभुकों को सरकारी राशन मिलता है। ग्रामीण रोहनी देवी और पारो देवी ने पीला कार्ड दिखाते हुए बताई कि पीडीएस दुकानदार राशन नहीं दे रहा है। अगस्त में मात्र किरोसिन का वितरण किया गया था। उसके बाद नहीं किया गया।
कृषि और पशुपालन पर निर्भर : परवलडीह के लोगों का मुख्य पेशा कृषि और पशुपालन है। पुरुष तो प्रदेश चले जाते हैं, लेकिन महिलाएं दूध बेचकर घर चलाती हैं।
सिंचाई साधन का अभाव : खेती कार्य के सिंचाई साधन का अभाव है। आज भी बारिश पर ही खेती निर्भर है। न कोई पंपसेट और न ही अन्य सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
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जल्द होगी पुलिया की मरम्मत
ग्राम पंचायत जगरनाथपुर के मुखिया धर्मेन्द्र कुमार कहते हैं, सड़क न होने के कारण गाव का विकास नहीं हो रहा है। मेरे द्वारा गाव के महादलित टोला में पीसीसी ढलाई, ईट शोलिंग और नल जल योजना का काम हुआ है। टूटी पुलिया की मरम्मत किसी दूसरे योजना से कराने का प्रयास करूंगा। पहले की गई पुलिया निर्माण की राशि लंबित है।
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गांव की समस्याएं जल्द
दूर होंगी : विधायक
विधायक कुमार सर्वजीत ने बताया कि परवलडीह गाव तक मुख्यमंत्री सड़क योजना से नवंबर में काम शुरू होना है। मेरे द्वारा कोई भी गाव सड़क योजना से अछूता नहीं है। गाव की सभी समस्याएं जल्द दूर होंगी।
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गाव के लोग आज भी कष्टमय जीवन जीने को विवश हैं। सबसे प्रमुख समस्या सड़क की है। पता नहीं कब क्षेत्र के लोगों को सड़क सुविधा प्राप्त होगी।
-विजय साव, ग्रामीण
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सड़क, अस्पताल और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सासद, विधायक से गुहार लगा चुके हैं। आश्वासन तो सभी देते हैं पर समस्या का समाधान किसी ने नहीं किया।
ग्रामीण, दीपक कुमार शर्मा
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गाव का विकास सड़क, स्वास्थ्य केंद्र के बंद रहने से लोग काफी परेशान हैं। गाव में नली-गली का निर्माण भी अधर में हैं। गाव की लड़किया सड़क सुविधा के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित है।
बच्चु प्रसाद यादव, ग्रामीण
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गांव तक पक्की सड़क पहुंचाने के लिए हम प्रयासरत हैं। इसके लिए सासद और विधायक के पास पत्र लिखूंगी। पुलिया टूटने के बाद अब तक नहीं बनी है। यह जाच का विषय है। इसकी जाच के लिए भी पत्र लिखूंगी।
माला देवी, प्रखंड प्रमुख
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